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कॉन्स्टेबल भर्ती पर्चा लीक, सवालों के घेरे में पूरा सिस्टम

खुलासा न्यूज, बीकानेर। राजस्थान में कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर रद्द होने के बाद पूरा सिस्टम फिर सवालों के घेरे में आ गया है।   सामने आया कि 4 साल में 7 भर्तियां रद्द हो चुकी हैं।

राजस्थान पुलिस की कांस्टेबल से लेकर सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षाएं विवादों में रही हैं। यहां तक कि परीक्षाओं में नेट बंद करने का सिलसिला भी पहली बार 2018 में हुई कांस्टेबल भर्ती से ही शुरू हुआ था। पिछले 4 सालों में रीट 2021, पटवारी, आरएएस, लाइब्रेरियन, जेईएन, फार्मासिस्ट सहित कई परीक्षाएं विवादों के घेरे में आ चुकी हैं।

एक स्टूडेंट एक परीक्षा की तैयारी में डेढ़ लाख रुपए खर्च करता है। इन परीक्षाओं की बदौलत बोर्ड करोड़ों रुपए कमा रहा है। फिर भी हर भर्ती के बाद अभ्यर्थियों के साथ छलावा हुआ है। उन बेरोजगार के साथ जो घर से दूर छोटे-छोटे कमरों में कई सालों से तैयारी कर रहे हैं। बेरोजगारों ने किताबें, किराए के कमरे से लेकर खाने, परीक्षा फॉर्म से लेकर 300 किमी दूर परीक्षा देने तक लाखों रुपए खर्च किए।

परीक्षा के नाम पर महिलाओं के गहने, सुहाग की निशानी और साड़ियां तक उतरवाई जा रही हैं, तो वहीं लड़कों को बनियान में परीक्षाएं दिलवाई गईं। फिर भी पेपर आउट होने का सिलसिला और फर्जीवाड़ा रुक नहीं रहा है। परीक्षा देने से पहले हादसों में 6 अभ्यर्थियों की मौत तक हो गई।

चार साल में कितने स्टूडेंट पर पड़ा असर
पिछले चार साल में 6 बड़ी भर्तियों के अलावा आरएएस भर्ती, शिक्षा सहायक, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती, लैब टेक्नीशियन, सहायक रेडियोग्राफर, ईसीजी टेक्नीशियन, स्कूल व्याख्याता, प्री प्राइमरी शिक्षक के साथ कई भर्ती विवादों में आ चुकी है। अकेले रीट में 26 लाख आवेदन आए, कांस्टेबल में 18 लाख, पटवारी भर्ती में 15 लाख, एसआई में 7 लाख, कांस्टेबल भर्ती 2019 में 17.50 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। पिछले 4 साल में भर्तियों के अटकने और नकल गिरोह के कारण 70 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी प्रभावित हुए हैं।

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