रिश्वत लेने के दो मामलों में कांस्टेबल और पटवारी दोषी, चार-चार साल का कारावास - Khulasa Online रिश्वत लेने के दो मामलों में कांस्टेबल और पटवारी दोषी, चार-चार साल का कारावास - Khulasa Online

रिश्वत लेने के दो मामलों में कांस्टेबल और पटवारी दोषी, चार-चार साल का कारावास

रिश्वत लेने के दो मामलों में कांस्टेबल और पटवारी दोषी, चार-चार साल का कारावास

बीकानेर।  भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय के पीठासीन अधिकारी पृथ्वीराजसिंह ने दो अलग-अलग मामलों में कांस्टेबल व पटवारी को दोषी मानकर चार-चार साल की सजा सुनाई है। चूरू निवासी नि​खिल कुमार जांगिड़ ने 5 जून, 17 को एसीबी की ब्यूरो चौकी में शिकायत की थी कि राजगढ़ शहर के घंटाघर के पास प्लेनेट कम्प्यूटर्स नाम से दुकान है जहां वह गेम पार्लर चलाता है।

बच्चे गेम खेलने आते हैं। राजगढ़ थाने के कांस्टेबल विक्रम वालिया ने धमकाया और गेम पार्लर चलाने के लिए हर माह 5000 रुपए की रिश्वत मांगी। नहीं देने पर गिरफ्तार करने की धमकी दी। ब्यूरो ने िशकायत का सत्यापन कराया तो आरोपी कांस्टेबल ने 900 रुपए ले लिए।

10 जून, 17 को परिवादी की दुकान पर 2100 रुपए की रिश्वत लेते कांस्टेबल पकड़ा गया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर कांस्टेबल को दोषी माना और उसे चार साल का कारावास व 3000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।

यह राशि जमा नहीं कराने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में 16 गवाहों के बयान हुए। दूसरे मामले में परिवादी तनसुख जाखड़ ने एसीबी की चूरू चौकी में 20 नवंबर, 17 को रिपोर्ट दी थी कि वह उत्तर रेलवे मंडल चिकित्सालय में नर्स के पद पर कार्यरत है।

बिलगा गांव की रोही में परिवार की 33 बीघा कृषि भूमि है। दो बहनों ने जमीन में अपना हिस्सा भाइयों के नाम कर दिया जिसके कागजात लेकर सुजानगढ़ में सारोठिया गांव के तत्कालीन पटवारी हरसहाय मीणा के पास पहुंचा। पटवारी से म्यूटेशन भाइयों के नाम करने के लिए मिला तो उसने दो-ढाई हजार रुपए की रिश्वत मांगी।

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