अधिवक्ताओं की मांगों पर बनी सहमति, दोषी पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज होगी, आईजी ने किए लाइन हाजिर के आदेश

अधिवक्ताओं की मांगों पर बनी सहमति, दोषी पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज होगी, आईजी ने किए लाइन हाजिर के आदेश

खुलासा न्यूज, बीकानेर। बार एसोसिएशन, बीकानेर के अधिवक्ता मोहम्मद सबीर उर्फ समीर को फॉरच्यूनर गाड़ी से बाहर खींचकर पुलिस अधीक्षक, बीकानेर की मौजूदगी में मारपीट करने व नापासर पुलिस थाना में ले जाकर हवालात में बन्द कर बर्बरतापूर्वक मारपीट करने के मामले में आज बार एसोसिएशन, बीकानेर के प्रतिनिधिमण्डल ने पुलिस महानिरीक्षक, रेंज बीकानेर से मिलकर उक्त घटनाक्रम के संदर्भ में विरोध जताते हुए ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमण्डल में शामिल बार अध्यक्ष रघुवीर सिंह राठौड़ ने आई.जी. बीकानेर को ज्ञापन देते हुए कहा कि आज घटना को 5 दिन बीत जाने के बावजूद भी दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई है। वहीं बार कौंसिल सदस्य कुलदीप शर्मा ने पीडि़त अधिवक्ता की चोटों को आई.जी. को दिखाते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों ने यह जानने के पश्चात् भी की पीडि़त अधिवक्ता है, और अधिवक्ता का नाम सुनकर इस प्रकार बर्बरतापूर्वक मारपीट की है, जो कि उक्त घटना गंभीर प्रवृत्ति की है, जिसमें दोषी पुलिस कर्मियों को तुरन्त प्रभाव से निलम्बित किया जावे, वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द्रपाल शर्मा ने आई.जी. के समक्ष घटना के समस्त पहलुओं पर प्रकाश डाला। किशनलाल सांखला ने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों के विरूद्ध नामजद एफ.आई.आर. दर्ज हो। विभागीय जांच को पुलिस अधीक्षक के सुपरवीजन से हटाकर पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय में आर.पी.एस. स्तर के अधिकारी से करवाई जावे वहीं सचिव भंवरलाल बिश्नोई ने कहा कि दर्ज एफ.आई.आर. की जांच पुलिस थाना नापासर के बजाय किसी अन्य सर्किल के पुलिस थाना से जांच करवाई जावे। जिस पर आई.जी. ने घटना पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी घटना निन्दनीय है। पुलिस का प्रयास होगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृर्ती ना हो और पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच मधुर संबंध बने, इसके लिए ठोस कदम उठाये जायेंगे। बावजूद इसके प्रथम दौर की वार्ता में बार का प्रतिनिधिमण्डल अपनी समस्त मांगों पर अड़ा रहा तब कुछ अन्तराल बाद दूसरे दौर की वार्ता पुलिस महानिरीक्षक के चैम्बर में शुरू हुई जिसमें पुलिस महानिरीक्षक ने बार के प्रतिनिधिमण्डल की उपरोक्त समस्त शर्तों पर सहमति जताते हुए कहा कि:-

1. परिवाद में दिये गये मजमून के आधार पर दोषी पुलिसकर्मियों के विरूद्ध नामजद एफ.आई.आर. तत्काल दर्ज की जाऐगी।

2 . एफ.आई.आर. की जांच गंगाशहर सर्किल के बजाए किसी अन्य सर्किल के पुलिस थाना में पुलिस महानिरीक्षक के सुपरवीजन में निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी।

3 . सी.ओ. गंगाशहर मुकेश सोनी द्वारा की जा रही विभागीय जांच को पुलिस अधीक्षक, बीकानेर के सुपरवीजन से हटाकर पुलिस महानिरीक्षक के सुपरवीजन में आर.पी.एस. अन्जुम कायल के द्वारा करवाई जाएगी।

4 . घटना में लिप्त नामजद पुलिसकर्मियों को नापासर पुलिस थाना से तत्काल प्रभाव से हटाकर मुख्यालय पुलिस लाईन बीकानेर में लाईन हाजिर किया जायेगा।

जिस पर प्रतिनिधिमण्डल ने आई.जी. की बात पर विश्वास करते हुए प्रस्तावित आन्दोलन को स्थगित कर दिया। प्रतिनिधिमण्डल में अजय कुमार पुरोहित, रविकान्त वर्मा, विजयपाल सिंह शेखावत, अनिल सोनी, रणवीर आचार्य, सुरेश श्रीमाली, हरनाथ सिंह, प्रहलाद जाखड़, हनुमान बिश्नोई, रूपेन्द्रसिंह, हेमन्त सिंह, बलजीत सिंह, सहीराम गोदारा, किशोर सिंह, पीडि़त अधिवक्ता मोहम्मद सबीर, सुधीर प्रशान्त कच्छावा आदि अधिवक्तागण शामिल थे।

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