पीबीएम की व्यवस्थाओं से नाखुश है कांगे्रसजन,अधीक्षक को हटाने पर अड़े

पीबीएम की व्यवस्थाओं से नाखुश है कांगे्रसजन,अधीक्षक को हटाने पर अड़े

खुलासा न्यूज,बीकानेर। एक ओर तो प्रदेश सरकार कोरोना से जंग जीतने के लिये नये नये जतन कर रही है। वहीं दूसरी बीकानेर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं से नाखुश कांग्रेसजनों ने सीएम के सामने शिकायत दर्ज करवाकर पीबीएम अधीक्षक डॉ सलीम को हटाने की मांग की है। इसको लेकर कांग्रेसजन जयपुर में डेरा डाले हुए है। उनको आरोप है कि अधीक्षक सरकार की छवि को धूमिल करने में लगे है। अनेक बार पीबीएम में व्यवस्थाओं को लेकर अधीक्षक से शिकायत करने के बाद भी किसी प्रकार का सुधार नहीं हो रहा है। मंजर यह है कि कभी सफाई के नाम पर तो कभी मरीज की मौत के बाद परिजनों से पीबीएम स्टाफ का बखेडा होता है। हकीकत यह है कि अधीक्षक की कार्यशैली से न केवल स्टाफ परेशान है,बल्कि स्थानीय जन भी आहत है। जिसके चलते कई बार पीबीएम प्रशासन सता और विपक्ष के नेताओं के निशाने पर आ चुके है। हालात यह है कि जब इनको व्यवस्थाओं की शिकायत करने का ज्ञापन देने स्थानीय नेता जाते है तो उनके साथ दुव्र्यहार की घटनाएं तक हुई है। जानकारी मिली है कि पीबीएम प्रबंधन की लापरवाही के चलते अनेक मरीजों की सांसे भी हलख में आ गई थी।
फैसला नहीं होने तक जयपुर में ही डेरा
उधर जयपुर में डेरा डाले हुए कांगे्रस के नेताओं ने खुलासा को बताया कि जब तक अधीक्षक को लेकर कोई फैसला नहीं हो जाता। तब तक कांग्रेसजन जयपुर में ही डेरा डाला रहेंगे। इन पदाधिकारियों ने बताया कि पीबीएम प्रबंधन की नाकामियों का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ रहा है। सरकार कोरोना को लेकर दिन प्रतिदिन गंभीरता दिखा रही है। लेकिन पीबीएम अधीक्षक गंभीर नहीं है। स्थिति यह है कि सता पक्ष के लोग भी जब अपनी शिकायत या व्यवस्थाओं को सुधारने की रायशुमारी अधीक्षक को देते है तो उनकी भी अनदेखी की जाती रही है। यही हालात विपक्षी दल का भी रहा है। उधर विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि कोरोना को लेकर पीबीएम में हुई पहली लापरवाही के कारण अधीक्षक डॉ पी के बेरवाल को पद से हटा दिया गया। लेकिन उसके बाद अब तक करीब सौ जाने और सैकड़ों मरीज पीबीएम के कारण संक्रमित हुए है। लेकिन वोट बैंक के कारण कांग्रेस सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।

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