
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बोले- बड़े-बड़े अपना जन्मदिन मना रहे, 5-5 हजार लोग जुटते हैं; शादी वालों को क्यों मारें






कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का वीडियो सामने आने से सियासत गरमा गई है। वीडियो में डोटासरा नाम लिए बिना सचिन पायलट के जन्मदिन में जुटी भीड़ और चुनावों का उदाहरण देते हुए शादियों में लोगों के इकट्ठे होने की लिमिट हटाने की पैरवी करते दिख रहे हैं। इसमें डोटासरा शादियों के आयोजन से जुड़े टेंट, कैटरिंग जैसे काम-धंधों को होने वाले नुकसान का जिक्र कर रहे हैं। यह वीडियो दो दिन पहले गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर में सिविल लाइंस बंगले का बताया जा रहा है। डोटासरा एक अफसर से फोन पर बात करते दिख रहे हैं। डोटासरा अफसर से शादी समाराहों में 50 से ज्यादा लोगों की लिमिट को बढ़ाने की पैरवी कर रहे हैं।
वीडियो में डोटासरा ने कहा- लोग बाहर से भी शादियां करने आते हैं। मतलब महीने, दो महीने बाद भी आएंगे। आज जब छूट होगी, तभी बुकिंग कराएंगे वो। बात इनकी भी वाजिब है। डेढ़-दो साल हो गए। इन बेचारों को भी। चुनाव लड़ रहे हैं। बड़े-बड़े जन्मदिन मन रहे हैं। 5-5 हजार लोग इकट्ठे हो रहे हैं। इनको क्यों मारें? इनको भी छूट देनी चाहिए।
पायलट के जन्मदिन पर जुटी थी भीड़
हाल ही में 7 सितंबर को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के जन्मदिन पर जयपुर में बड़ी तादाद में उनके समर्थक जुटे थे। डोटासरा ने पायलट का नाम नहीं लिया, लेकिन जन्मदिन पर हजारों लोग जुटने का जिक्र किया है। इसे सीधे तौर पर पायलट के जन्मदिन में जुटी भीड़ पर किया गया इशारा माना जा रहा है।
शादियों में अभी 50 लोग ही शामिल हो सकते हैं
राजस्थान में कोरोना के खतरे का हवाला देकर सरकार ने शादी समाराहों में 50 लोगों की सीमा तय कर रखी है। इस लिमिट को अब बढ़ाने की मांग की जा रही है। मैरिज गार्डन, कैटरिंग, टेंट सहित शादियों के आयोजन से कई बिजनस जुड़े हैं।
कांग्रेस सचिव ने भी छूट की पैरवी की
डोटासरा का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस के प्रदेश सचिव जसवंत गुर्जर ने बयान जारी कर शादी के आयोजनों पर छूट देने की मांग की है। जसवंत गुर्जर ने कहा, जब सरकार के संगठन या नेताओं के निजी कार्यक्रम हो सकते हैं तो उनका भी सोचना चाहिए जो वैवाहिक आयोजनों से जुड़े हुए हैं। साथ ही, सरकार एक साथ छूट देगी तो हर व्यवस्था महंगी हो जाएगी। इसलिए समाज हित में इनके लिए सोचें। इस प्रकार के आयोजनों से कई वर्ग के लोग जुड़े होते हैं, जो अभी बेरोजगारी के हालत में हैं। इसलिए कोरोना को देखते हुए इस वर्ग के लिए भी कुछ मापदंड तय कर अलग आदेश जारी करना चाहिए।


