
भाजपा पार्षद को मेयर दावेदार बना सकती है कांग्रेस, मंत्री ने 2019 का घटनाक्रम दोहराने के दिए संकेत





जयपुर नगर निगम ग्रेटर के मेयर पद पर चुनाव की घोषणा होने के साथ ही अब दोनों ही पार्टियां सक्रिय हो गई। इन चुनाव में भले ही कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ नहीं है और संख्या बल में भी भाजपा से बहुत कम हो, लेकिन वह आसानी से भाजपा को ये सीट नहीं लेने देगी। कांग्रेस ने इस चुनाव में दो प्लान पर काम करने की तैयारी कर रही है। इसमें पहला खुद का उम्मीदवार उतारकर भाजपा के पार्षदों से क्रॉस वोट लेकर सपोर्ट लेना या दूसरा भाजपा के ही किसी पार्षद को समर्थन देकर उसे मेयर बनाना है। इस बात के संकेत आज कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दिए एक बयान में दे दिए। उन्होंने साल जनवरी 2019 का घटनाक्रम दोहराने के भी संकेत दिए है।
दरअसल, कांग्रेस आसानी से भाजपा को मेयर की सीट नहीं ले जाने देगी। खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी जिस तरह देश में पाप कर रही है। उसे पता चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि नगर निगम ग्रेटर में वर्तमान में व्यवस्थाएं फेल है। उनके और हमारे कुछ पार्षद पिछले दिनों हमसे मिले भी थे। बीजेपी के पार्षद हमारे पार्षदों के टच में है। यदि बीजेपी के लोग हमारे साथ आते है और ऐसी परिस्थितियां बनती है तो हम अपना कैडिडेट उतारेंगे। हम उनको उन्हीं की भाषा में जवाब देंगे। खाचरियावास ने कहा कि भाजपा पार्षदों के साथ-साथ विधायकों में भी नाराजगी है। कांग्रेस में अगर कोई भाजपा का पार्षद आना चाहे तो उनका स्वागत है।
जनवरी 2019 में किया था उलटफेर
जनवरी 2019 में कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद जयपुर नगर निगम में ऐसा ही बड़ा उलटफेर किया था। तत्कालीन मेयर अशोक लाहोटी के विधायक बनने के बाद मेयर पद खाली हाे गया था। तब भाजपा के ही चैयरमेन विष्णु लाटा को समर्थन देकर कांग्रेस ने उन्हें मेयर बना दिया था। उस समय नगर निगम में 91 सदस्य थे और भाजपा के पास 63 पार्षद थे। इसके बाद भी विष्णु लाटा ने कांग्रेस पार्षदों और कुछ भाजपा के पार्षदों के सहयोग से जीत दर्ज करते हुए भाजपा के ही उम्मीदवार मनोज भारद्वाज को मेयर चुनाव में हरा दिया था।


