
कांग्रेस नेताओं ने की सरकारी एडवाजरी की अवेहलना,भाजपा ने दर्ज करवाया मामला






बीकानेर। बीकानेर कांग्रेस के नेतृत्व द्वारा केन्द्र और राज्य सरकार एवम जिला प्रशासन द्वारा निषेध आज्ञा,आपदा प्रबंधन अधिनियम की अवहेलना करने, एवम बिना अनुमति के बीकानेर कांग्रेस जिला अध्यक्ष, पूर्व गृह राज्यमंत्री और प्रदेश सचिव जैसे वरिष्ठ नेताओं सहित 100 से 120 कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज करने का परिवाद भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह के निर्देश पर भाजपा शहर जिला उपाध्यक्ष एडवोकेट अशोक प्रजापत के संयोजन में सदर थाने में दर्ज किया गया।
भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि पूरे देश में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते आपदा प्रबंधन अधिनियम और धारा 144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा लागू है। उसके उपरांत भी जिला प्रशासन के नाक के नीचे बीकानेर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने कानून का माखौल बनाया है और धज्जियां उड़ाई है।भाजपा जिला उपाध्यक्ष ओर कार्यक्रम प्रभारी एड अशोक प्रजापत ने बताया कि भाजपा प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर बीकानेर के 11 कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस और कांग्रेस नेताओं के विरुद्ध एफ. आई .आर दर्ज करने का परिवाद सदर वृताधिकारी अधिकारी पवन भदौरिया और सदर थाना अधिकारी महावीर बिश्नोई को सौंपा है। परिवाद में बताया गया कि 25 जुलाई को कांग्रेस नेता और पूर्व गृह राज्यमंत्री वीरेंद्र बेनीवाल,कांग्रेस जिलाध्यक्ष यशपाल गहलोत,देहात कांग्रेस जिलाध्यक्ष महेंद्र गहलोत, प्रदेश सचिव जियाउर रहमान आरिफ सहित सौ- सवा सौ कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्रित हुए। उनमें से अधिकतम लोगों ने ना तो चेहरे पर मास्क लगा रखा था और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की धारा 144 का उल्लंघन किया और बीकानेर की लाखों जनता के जीवन को खतरे में डाला उन सभी व्यक्तियों के विरुद्ध अधिनियम अवहेलना और धारा 144 उलंघन करने के विरुद्ध परिवाद दायर दिया। परिवाद देने वालों में भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में भाजपा जिला उपाध्यक्ष एड अशोक प्रजापत,भाजपा विधि प्रकोष्ठ जिला संयोजक एड चतुर्भुज सारस्वत,जिला मंत्री एड कौशल शर्मा, जिलामंत्री एड सुमन शेखावत, पूर्व जिला उपाध्यक्ष वेद व्यास,जिला कार्यकरणी सदस्य दीपेंद्र सिंह बीदावत,विक्रम सिंह राजपुरोहित,कार्यकरणी सदस्य दिनेश मोदी,श्रवण सांखला,अनिल हर्ष,हेमंत कच्छावा,कानाराम तंवर,दिनेश मोदी समेत 11 कार्यकर्ताओं ने परिवाद प्रस्तुत कर कानून सम्मत कार्यवाही करने की मांग की है।


