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ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए बदलेगी शर्त,राजस्थान सरकार का नया दांव

जयपुर। तमाम कोशिशों के बावजूद ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का गहलोत सरकार का मास्टर स्ट्रोक उतना हाईलाइट नहीं हो पाया, जितनी उम्मीद थी। इसकी दो बड़ी वजह थीं।
पहली- न्यू पेंशन स्कीम के तहत पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण में जमा कर्मचारियों और सरकार का अंशदान लौटाने से केंद्र ने इनकार कर दिया था। राज्य की मंशा थी कि इसी रकम को अपने राजस्व खाते में जमा कर कर्मचारियों को पेंशन दी जाएगी।
दूसरी वजह- ओपीएस लेने के लिए शर्त रखी थी कि कर्मचारियों को एनपीएस में जमा सरकार के अंशदान के अलावा अपने हिस्से की राशि भी जीपीएफ ब्याज दर के साथ लौटानी होगी।
कर्मचारी के रिटायर होने के बाद पेंशन के साथ जीपीएफ भी इसी रकम से लौटाने की बात कही गई थी। अब गहलोत सरकार एक शर्त हटाकर इन दोनों मुश्किलों को दूर करने जा रही है।
आंतरिक मंथन में तय हुआ है कि कर्मचारियों के हिस्से का अंशदान उनके जीपीएफ खातों में जमा करवा दिया जाएगा। इसके लिए 2020 में ही एक जनवरी 2004 के बाद नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों के जीपीएफ खाते खोलने के आदेश जारी हो चुके हैं।
अब 5.24 लाख कर्मचारियों के लिए लागू हो चुकी ओपीएस में सरकार उनके एनपीएस खातों से सिर्फ अपना अंशदान ही काम में लेगी।
वित्त नियम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि विचार किया जा रहा है कि पीएफआरडीए में जमा अंशदान में सरकार अपना हिस्सा रेवेन्यू अकाउंट में जमा कर ले और कर्मचारियों का अंशदान उनके जीपीएफ खातों में जमा करे। हालांकि, बोर्ड और निगमों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए फिलहाल पुरानी शर्त ही जारी रहेगी।

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