25 अप्रैल से संभव नही पूर्ण नहरबंदी, नहर क्षेत्र का दौरा करेंगे सीएम

25 अप्रैल से संभव नही पूर्ण नहरबंदी, नहर क्षेत्र का दौरा करेंगे सीएम

25 अप्रैल से संभव नही पूर्ण नहरबंदी, नहर क्षेत्र का दौरा करेंगे सीएम
बीकानेर। इस साल आशिक नहरबंदी की औपचारिक घोषणा नहीं होगी। यद्यपि फरवरी से ही अघोषित आंशिक नहरबंदी जारी है। सूत्रों के मुताबिक इस साल सीधे पूर्ण नहरबंदी होगी जो 25 या 26 अप्रैल से संभावित है। हालांकि इसकी तारीख भी पंजाब ने अभी तक घोषित नहीं की है। दो दशक बाद पहली बार नहर बंदी की तिथि को लेकर पिछले एक महीने से असमंजस की स्थिति है।
पंजाब नहरबंदी की तारीख तय नहीं कर रहा। राजस्थान के अभियंता अपने अनुमान से अलग-अलग तारीख प्रशासन को बता रहे हैं। 26 मार्च से 25 अप्रैल तक आंशिक नहर बंदी होनी थी लेकिन पंजाब ने इसकी अधिकृत तिथि घोषित नहीं की। हालात इतने विकट हो गए कि अब मुख्यमंत्री को भी समीक्षा के लिए नहरी क्षेत्र का दौरा करना पड़ रहा है। वे आठ और 9 अप्रैल को पंजाब से लेकर राजस्थान तक इंदिरा गांधी नहर का दौरा कर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।
मुख्यमंत्री का कार्यक्रम अभी तक अधिकृत तौर पर जारी नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि 8 अप्रैल को मुख्यमंत्री सुबह जयपुर से बठिंडा जाएंगे। यहां से वे हरिके बैराज का निरीक्षण करेंगे। हरिके बैराज वो केंद्र है जहां से पंजाब राजस्थान को सिंचाई और पीना का पानी छोड़ता है।
हरि के बैराज से वे लाखों वाली हेड जाएंगे और वहां इंदिरा गांधी नहर में होने वाले मरम्मत कार्यों को देखेंगे। 9 अप्रैल को घग्गर नदी क्षेत्र का निरीक्षण करेंगे बाद में हनुमानगढ़ के सर्किट हाउस में प्रशासन और नहरी तंत्र से जुड़े अधिकारियों के साथ नहरबंदी के हालातों की समीक्षा करेंगे। 2006 के बाद वे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री होंगे जो इंदिरा गांधी नहर का निरीक्षण करेंगे।
सीएम 8 को हरिके बैराज जाएंगे, 9 को हनुमानगढ़ में मीटिंग
राजस्थान के अधिकारियों ने 26 मार्च के बाद 5 अप्रैल की तिथि को आंशिक बंदी के लिए अनुमानित तिथि दी थी। 5 अप्रैल को भी पंजाब ने चुप्पी साध ली। अब कहा जा रहा है कि आंशिक नहर बंदी की घोषणा नहीं की जाएगी हालांकि फरवरी से ही अघोषित आंशिक नहर बंदी चल रही है। पानी की कमी को ही कारण माना जा रहा है। आंशिक नहर बंदी में तय पानी दिया जाता है।
आंशिक नहर बंदी घोषित नहीं हो रही और इस दौरान जितना पानी मिलना चाहिए उतना मिल भी नहीं रहा। पिछले 15 दिन से कटौती चल रही है। सूत्र बताते हैं कि पंजाब के एक अधिकारी यह कहकर राजस्थान को पूरा पानी नहीं दे रहे कि राजस्थान ने अपने हिस्से का पूरा पानी उपयोग कर लिया है।
इसी वजह से पिछले दो सप्ताह से राजस्थान को पूरा पानी नहीं मिल रहा। राजस्थान रोज 3000 कि क्यूसेक पानी मांग रहा है जबकि उसकी जगह 2000 से ढाई हजार के बीच पानी मिल रहा है। इसमें इंदिरा गांधी नहर और गंगानगर की बाकी दो सिंचाई परियोजनाओं का पानी भी शामिल है। जबकि मिलने वाला सिर्फ पेयजल का पानी है।

Join Whatsapp
खबरें और विज्ञापन के लिए इस नंबर पर व्हाट्सएप करें- 76659 80000 |खबरें और विज्ञापन के लिए इस नंबर पर व्हाट्सएप करें- 76659 80000 |