
निजी स्कूलों की मनमानी से आमजन परेशान, भरी गर्मी में दंडवत करता पहुंचा कलेक्टर ऑफिस





निजी स्कूलों की मनमानी से आमजन परेशान, भरी गर्मी में दंडवत करता पहुंचा कलेक्टर ऑफिस
बीकानेर। स्कूलें खुलेते ही हर साल आमजन की शिकायत रहती है कि स्कूलें किताबे व ड्रेस बेचते है सरकार कई नियम निकालती है। लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं होती है इससे निजी विद्यालयों के हौसलें बढ़ रहे है। इसी से परेशान एक युवक भरी दुपहरी में सडक़ पर दंडवत करता जा रहा यह शख्स किसी मंदिर या तीर्थस्थल पर नहीं जा रहा वरन अपने घर से रवाना हुआ है और कलेक्टर ऑफिस तक जा रहा है। यह फासला लगभग सात किलो मीटर है जिसे पूरा करने में लगभग सात घंटे लगे हैं।कड़ी धूप में इस तरह सडक़ पर लोटते हुए जा रहे शख्स भीमशंकर भादानी को इसकी वजह पूछी तो गले में पहनी तख्ती दिखा दी। कहा, प्राइवेट स्कूल से परेशान होकर कलेक्टर से गुहार लगाने जा रहा हूं।जो मामला सामने आया यह है वो ये है कि ये शख्स प्राइवेट स्कूल की मनमानी से परेशान है। आरटीई में निशुल्क एडमिशन हेाने के बाद भी फीस, यूनिफॉर्म, किताबों आदि में मनमानी और कमीशनबाजी का आरोप है। हालांकि यह एक स्कूल का मामला उठा रहे है जिसका नाम एलकेएसआई जैन स्कूल है लेकिन इसे देखकर हर शहरी का कहना है, मुद्दा सही है।कमोबेश सभी प्राइवेट स्कूल लूट के दुकान बन गये हैं। बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के मोह में परिजन पेट काटकर बड़े स्कूलों में एडमिशन करवा रहे हैं। हालात यह है कि आरटीई में सरकार की ओर से निशुल्क एडमिशन किये गये बच्चों के परिजनों को भी निजी स्कूल संचालकों के लोभ का शिकार होना पड़ रहा है।
हालांकि इस मामले में अभी कार्रवाई क्या हुई यह सामने नहीं आया है लेकिन इस शख्स की दंडवत यात्रा में हर उस गार्जियन का दर्द शामिल है जो प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी का शिकार है।
इनका कहना है
आरटीआई के तहत जो नियम है किताबों के पैसे दे देते है और हमने कहा कि आप बाजार से किताबे ले लो और बिल लाकर हमें दे देना हम आपको जो नियम उसके अनुसार पैमेंट वापस कर देंगे लेकिन वो सीधे ही कलेक्टर ऑफिस जा पहुंचे
प्रधानाध्यापिका
एलकेएसआई जैन स्कूल

