
गहलोत सरकार का सराहनीय कदम, अब अस्पतालों में कोरोना मरीजों की होगी काऊंसलिंग





जयपुर: देश में कोरोना (Covid) ने तबाही मचा रखी है, सभी को अपनों से ज्यादा अब खुद की चिंता खाए जा रही है. ऐसे में राजस्थान की गहलोत सरकार (Gehlot Government) निरंतर कोविड को लेकर गंभीरता से कार्य कर रही है और आए दिन आमजन के हित में फैसले ले रही है और नई नई योजनाएं लागू कर रही है. ऐसे में राज्य सरकार ने कोवडि मरीजों के लिए एक और नई पहल की है.
जिले के हर कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में होगा मानो चिकित्सक डॉक्टरों का पैनल:
राज्य में कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave) में इस बार लाखों की संख्या में लोग बीमार हुए. इनमें से हजारों लोगों की जान इस बीमारी से चली गई. हजारों लोग ऐसे भी है जो इस बीमारी से लड़कर ठीक तो हो गए, लेकिन अब अवसाद, चिंता, नींद न आना, थकान महसूस करना, मनोबल खो देना सहित अन्य मानसिक तनाव (Mental Stress) संबंधित शिकायतों से जूझ रहे है. ऐसे मरीजों की काउंसलिंग (Counseling) करने के लिए सरकार ने जिले के हर कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में मानो चिकित्सक डॉक्टरों का एक पैनल तैयार कर उनकी सेवाएं शुरू करने का निर्णय किया है. साथ ही प्राथमिक स्तर पर पोस्ट कोविड मरीजों की काउंसिलिंग फोन पर हो सके इसके लिए सरकार ने 181 हेल्पलाइन नंबर पर भी इसकी सुविधा शुरू करने का निर्णय किया है.
दो शिफ्टों में सेवाएं देंगे पैनल के चिकित्सक:
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (Medical and Health Department) से मिली जानकारी के मुताबिक ऐसे डॉक्टर्स का पैनल हर अस्पताल में दो शिफ्ट में अपनी सेवाएं OPD में देंगे. ये OPD सुबह 8 से दोपहर 2 बजे और दोपहर 2 से रात 8 बजे तक चलेगी. हर पारी में जनरल मेडिसिन डॉक्टर के साथ काउंसिलिंग के लिए दो मनोरोग चिकित्सक (Psychiatrist) और आयुष डॉक्टर मौजूद रहेंगे. आयुष डॉक्टर योग या सांस संबंधित क्रियाओं के जरिए मरीज के तनाव काे दूर करने का प्रयास करेंगे.
गंभीर बीमारी वाले मरीजों के लिए अलग से बेड्स रिजर्व रखने के निर्देश:
इन बीमारियों के कोविड मरीज जो रिकवर हो चुके है उनमें म्यूकोमाइकोसिस (Mucomycosis) (ब्लैक फंगस) के अलावा अन्य कई नई बीमारियों भी सामने आ रही है. इसमें मानसिक तनाव के अलावा शुगर लेवल (Sugar Level) का बढ़ना, ह्रदय, लीवर और किडनी संबंधी बीमारियां भी है. ऐसी पोस्ट कोविड मरीजों जो OPD में आते है तो उनकी जांच और मॉनिटरिंग के लिए अस्पतालों में अलग-अलग विषय से जुड़ी एक जॉइंट टीम भी बनाने के लिए कहा है.
पोस्ट कोविड मरीजों के लिए अलग से बेड्स होंगे रिजर्व:
ये टीम हर समय उपलब्ध रहे और ऐसे मरीजों की शिकायतों को देखना, उनकी आवश्यक जांचे करवाने और किसी तरह की कोई तकलीफ दिखने पर उसका समय पर इलाज किया जाए. साथ ही ऐसे मरीजों का एक रिकॉर्ड भी तैयार करने के लिए कहा है. इसके लिए बाकायदा हर जिला मुख्यालय के कोविड अस्पतालों में पोस्ट कोविड मरीजों (Post Covid Patients) के लिए अलग से बेड्स रिजर्व करने के लिए कहा है.


