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सीजन की सबसे ठंडी रात, बीकानेर में अलर्ट जारी , जानें कब तक मिलेेगी राहत

जयपुर: गुरूवार को पूरे प्रदेश में सीजन की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई है. दो जगह पारा माइनस में चला गया. प्रदेश में सर्वाधिक कम न्यूनतम तापमान जैसलमेर के चांधन में माइनस 1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं दूसरे नंबर पर माउंट आबू में पारा माइनस एक डिग्री रेकॉर्ड हुआ. इसके अलावा सीकर और जयपुर के जोबनेर में न्यूनतम पारा 0.5 डिग्री दर्ज किया गया. नौ शहरों में पारा पांच डिग्री से नीचे और 12 शहरों में न्यूनतम तापमान पांच से आठ डिग्री के बीच में दर्ज किया गया. प्रदेश में 21 जगहों पर सीजन का सबसे कम तापमान दर्ज किया गया. प्रदेश में कई शहरों में खेतों, पेड़-पौधों और वाहनों पर बर्फ जम गई.  मौसम विभाग के अनुसार सर्दी में राहत के अभी आसार नहीं है. 19 दिसंबर तक 10 जिलों में प्रदेश में शीत दिन और तीव्र शीतलहर चलने की चेतावनी दी है.

21 दिसंबर के बाद हल्की राहत:
मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार प्रदेश में हिमालय से सीधी उत्तरी हवाएं असर कर रही है. जहां से उत्तरी हवाएं आ रही हैं, वहां पारा माइनस 20 डिग्री तक है. ऐसे में ठंडी हवाओं के असर से तापमान माइनस में जा रहा है। 21 दिंसंबर के बाद हवाओं का असर थोड़ा कम होगा.

चांधन सबसे सर्द क्यों:
सरहदी जिले में चांधन क्षेत्र में अमूमन पारा माइनस में जाता है. चांधन क्षेत्र जिले के निचले क्षेत्रों में शामिल हैं. नहर आने और भूजल आधारित कृषि का प्रचलन बढ़ने से इस क्षेत्र में हरियाली बढ़ी है. इसका असर तापमान पर पड़ता है. यही कारण जोबनेर में तापमान गिरने का है.

इन शहरों में पारा पांच डिग्री से नीचे:
चांधन : माइनस 1.5
माउंट आबू : माइनस 1
सीकर : 0.5
जोबरेन : 0.5
बीकानेर : 3.1
चूरू  : 2.2
श्रीगंगानगर : 2.8
पिलानी : 2.5
फतेहपुर : 3.8

इन शहरों का पारा पांच से आठ डिग्री के बीच:
अजमेर : 8.2
जयपुर : 8.4
कोटा : 8.1
डबोक : 8
बाड़मेर : 7.5
जैसलमेर : 5.2
जोधपुर  7.2
भीलवाड़ा : 7.4
वनस्थली : 5.8
अलवर : 6.6
चित्तौडगढ़ : 7
फलौदी : 5.8

इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट : तीव्रशीतलहर और शीतदिन:
श्रींगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, बीकानेर, चूरू, अलवर, भरतपुर, सीकर, झुंझुनूं, बूंदी,

मौसम विभाग की चेतावनी और सुझाव:
-सर्द हवाओं से सर्दी बढ़ेगी.
-अतिशीत दिन की परिस्थितियों में रात के साथ दिन में ठंड का अहसास ज्यादा होगा.
-ठंड के लंबे समय तक संपर्क में रहने से शीतदंश की संभावना है.
-पाला और शीतलहर दलहनी फसलों और पशुओं को प्रभावित कर सकती है.

उपाय :
-ठंड में लंबे समय तक रहने से बचें.
-सिर, गर्दन, हाथ और पैर की उंगुलियों को कवर करें ताकि शरीरिक उष्मा की कमी नहीं रह पाए.
-बाहरी गतिविधियों से बचें या सीमित करें.
-अतिदंश और हाइपोथर्मिया होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें.
-फालतू जानवरों और पशुओं को ठंडे मौसम से बचने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करें.

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