
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बकाया वेतन भत्तों का भुगतान नहीं होने पर सीएमएचओ कार्यालय के कमरे व सामान आज नीलामा होगा






श्रीगंगानगर। श्रम न्यायालय के आदेश पर सेवा बहाली के बाद भी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बकाया वेतन भत्तों के 23.27 लाख रुपए का भुगतान नहीं होने पर सीएमएचओ कार्यालय के तीन कमरों सहित अन्य सामान की नीलामी बुधवार को होगी। न्यायालय की ओर से जारी कुर्की वारंट के बाद नीलामी के नोटिस के आधार पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के बकाया वेतन भत्तों की वसूली के लिए सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक जिला न्यायालय के नाजिर अनिल गोदारा की ओर से नीलामीकरवाई जाएगी।इसके लिए भवन, एक वाहन व अन्य सामान के सुपुर्दगीदार पूर्व सीएमएचओ डॉ. नरेश बंसल को भी नोटिस जारी कर दिया गया है कि वे नीलामी के समय सामान प्रस्तुत करें। न्यायालय के आदेश पर 19 फरवरी 2019 को तीन कमरों व अन्य सामान की कुर्की की गई थी, जिसे तब के मौजूदा सीएमएचओ डॉ. नरेश बंसल के सुपुर्द किया गया था। नीलामी तीन कमरों के अलावा सीएमएचओ की कुर्सी व टेबल, बोलेरो वाहन, दो एसी, 4 पंखे, तीन सोफा सेट व 10 अलमारियों की करवाई जाएगी। जिला न्यायालय के नाजिर अनिल गोदारा के अनुसार कुछ समय पूर्व स्वास्थ्य भवन पर नीलामी की कार्रवाई 7 अप्रैल को होने का नोटिस लगा दिया गया था। फिलहाल नीलामी के लिए इसमें तीन कमरों की कीमत 15.39 लाख रुपए, दो एसी की कीमत 40-40 हजार रुपए, सोफा की 20 हजार रुपए, 10 अलमारियों की 20 हजार रुपए, 4 पंखों की 4 हजार रुपए, सीएमएचओ की कुर्सी व टेबल की 10 हजार रुपए और बोलेरो की 6 लाख रुपए होने का आकलन किया गया है। पिछले दिनों इसकी मुनादी करवा दी गई थी।
स्वास्थ्य विभाग ने भुगतान को 3 माह का समय मांगा
सीएमएचओ डॉ. गिरधारी लाल मेहरड़ा के अनुसार उन्होंने जयपुर में स्वास्थ्य निदेशालय के अधिकारियों से मिलकर अवगत करवा दिया है कि कर्मचारी के 23.27 लाख रुपए बकाया का भुगतान न होने पर न्यायालय ने नीलामी का नोटिस जारी किया हुआ है। कर्मचारी ओमप्रकाश के वेतन भत्ते लंबित होने की वजह स्थायीक रण व अन्य प्रक्रियाओं में कोरोना की वजह से समय लगना है। डॉ. मेहरड़ा के अनुसार उच्चाधिकारियों ने अवगत करवाया है प्रकरण कार्मिक और वित्त विभाग के पास विचाराधीन है। बकाया वेतन भत्तों का भुगतान कर मामला निस्तारित करने के लिए न्यायालय से तीन महीने का समय मांगा जाएगा। इसके लिए बुधवार को श्रम न्यायालय में विभाग की ओर से परिवाद पेश कर तीन महीनों की मोहलत देने की अपील की जाएगी ताकि सभी औपचारिकताएं कर प्रकरण का निस्तारण किया जा सके।


