
सीएमएचओ ने छ: डायग्नोस्टिक लैब का किया निरीक्षण, अधिकांश लैब बिना पंजीकरण संचालित मिली, होगी कड़ी कार्रवाई





बीकानेर। नैदानिक स्थापन केंद्रीय सरकार संशोधन अधिनियम 2018 के अंतर्गत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पुखराज साध के नेतृत्व में जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण द्वारा विभिन्न लैब एवं डायग्नोस्टिक सेंटर का क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट को लेकर निरीक्षण किया गया। टीम द्वारा बीकानेर शहर में जयपुर रोड़ स्थित डायग्नोस्टिक सेंटर डॉ बी लाल पैथ लैब, डुप्लेक्स कॉलोनी रोड पर कृष्ण डायग्नोस्टिक सेंटर एवं एक्स-रे, जी आर डायग्नोस्टिक लैब, हिमालय लैब, आराध्या लैब, विनायक लैब एवं इमेजिंग सेंटर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दल में डॉ रमेश गुप्ता एवं ब्लॉक सीएमओ कोलायत डॉ सुनील जैन शामिल रहे।
डॉ पुखराज साध ने बताया कि जांच में निर्धारित उपकरण, लैब टेक्नीशियन एवं चिकित्सक के पास उपलब्ध डिग्री को चेक किया गया। लैब के लीगल डॉक्यूमेंट एवं रिकॉर्ड अर्थात केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर की पालना की भी जांच की गई। डॉ साध ने बताया कि अधिकतर लैब के पास नैदानिक स्थापना संशोधन नियम 2018 के अंतर्गत क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट का लाइसेंस नहीं मिला। अधिकतर लैब बिना चिकित्सक के ही संचालित मिले। बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल एक्ट के तहत रजिस्टर्ड नहीं मिले। उन्होंने बताया कि जो लैब बिना रजिस्टरेशन के संचालित है उन्हें एक्ट के तहत जुर्माना किया जाएगा। इन लैब संचालकों को क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत कन्वीनर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीकानेर के समक्ष दिनांक 4 अगस्त 2025 को प्रात: उपस्थिति हेतु पाबंद किया गया है। डॉ साधने बताया कि एक्ट के तहत प्रथम बार रजिस्ट्रेशन नहीं पाए जाने पर 50 हजार रुपए, दूसरी बार 2 लाख एवं तीसरी बार 5 लाख रुपए की शास्ती लगाने का प्रावधान है।
“बीकानेर जिले में सभी क्लीनिक, अस्पताल एवं लैब संचालकों से अनुरोध है कि वे तत्काल इस अधिनियम के अंतर्गत अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें। अन्यथा नियम के तहत पेनल्टी एवं पेनल्टी के उपरांत भी अगर संचालक एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं करवाता है तो संस्थान को बंद करने की कार्रवाई जिला रजिस्ट्रेशन प्राधिकरण के आदेश पर की जा सकती है।” -डॉ पुखराज साध, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बीकानेर


