एसीबी के आदेश पर सीएम-मंत्री आमने-सामने, जानिए इस आदेश को किसने कैसा बताया

एसीबी के आदेश पर सीएम-मंत्री आमने-सामने, जानिए इस आदेश को किसने कैसा बताया

खुलासा न्यूज नेटवर्क। भ्रष्टाचारियों के फोटो और नाम नहीं उजागर करने के एसीबी डीजी के आदेशों पर अब मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बीच ही मतभेद सामने आ गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एसीबी डीजी ने आदेश जारी किया है। उधर, खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने इस आदेश का विरोध करते हुए कहा कि ऐसे आदेशों से सरकार के किए कराए पर पानी फिर जाएगा।

पाली में मीडिया से बातचीत में सीएम अशोक गहलोत ने कहा- कई मामले ऐसे होते हैं, जिसमें अफसर को झूठा फंसाया जाता है। उसे बदनामी का सामना नहीं करना पड़े, इसलिए ऐसा किया जा रहा है कि जब तक यह साबित न हो जाए कि उसने भ्रष्टाचार किया है, उसकी पहचान गुप्त रखी जाए। यह सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों का फैसला है।

वहीं, खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा- मेरा यह मानना है कि डीजी ने एंटी करप्शन ब्यूरो का चार्ज लेते ही जो ऑर्डर निकाला, वह ऑर्डर रिजेक्ट होने वाला ही है। मैं उस ऑर्डर से सहमत नहीं हूं। कोई भी कांग्रेस का विधायक, मंत्री इस तरह की कार्रवाई का समर्थन नहीं करेगा। खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत क्या इस तरीके के डीजी के ऑर्डर को मान सकते हैं? खाचरियावास ने कहा कि सरकार इस तरह के ऑर्डर के साथ नहीं है। यह बिल्कुल गलत है। हम कोई ऐसा काम नहीं करेंगे, जिससे हमारे पूरे किए हुए काम पर पानी फिर जाए, हमने कांग्रेस सरकार की नीयत आपको बता दी। खाचरियावास ने कहा- आप इस बात को जानते हैं कि इस देश में इनकम टैक्स और जीएसटी की कार्रवाई होती है। बड़े-बड़े व्यापारी जो टैक्स देते हैं, उनकी फोटो, उनके नाम चलाकर हाईलाइट किए जाते हैं।

सीएम का बयान दुर्भाग्यपूर्ण- राठौड़
नवलगढ़ दौरे पर आए उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा- ‘एसीबी के इस आदेश को मुख्यमंत्री द्वारा सही बताना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार लगातार भ्रष्टाचारियों को पनाह दे रही है। पहले मुकदमा चलाने के लिए एचओडी की अनुमति को अनिवार्य करना, रंगे हाथ पकड़े गए भ्रष्टाचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति ना देना और अब भ्रष्टाचारियों की पहचान छुपाकर खुद सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है।

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