
सीएम गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा की बढ़ी मुश्किलें






जयपुर। एक ओर जहां संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले के मामले में राजस्थान की जांच एजेंसियों का शिकंजा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर कसता जा रहा है तो वहीं प्रदेश के बहुचर्चित फोन टेपिंग मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा पर भी दिल्ली क्राइम ब्रांच का शिकंजा कसता जा रहा है।
फोन टैपिंग मामले में पूछताछ के लिए एक बार फिर दिल्ली क्राइम ब्रांच ने लोकेश शर्मा को नोटिस जारी करके आज पेश होने को कहा है, दिल्ली क्राइम ब्रांच ने लोकेश शर्मा को सातवीं बार नोटिस दिया है। लोकेश शर्मा आज सुबह 11 बजे दिल्ली क्राइम ब्रांच के सामने पेश होंगे और क्राइम ब्रांच के सवालों का जवाब देंगे, लोकेश शर्मा देर रात ही जयपुर से दिल्ली पहुंच गए थे। इससे पहले भी तीन बार दिल्ली क्राइम ब्रांच फोन टैपिंग मामले में लोकेश शर्मा से लंबी पूछताछ कर चुकी है।
23 फरवरी को भी हुई थी लंबी पूछताछ
इससे पहले 23 फरवरी को भी फोन टैपिंग मामले में मुख्यमंत्री गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा से लंबी पूछताछ हुई थी। हालांकि दिल्ली पुलिस फिलहाल लोकेश शर्मा को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है।
गिरफ्तारी से रोक हटाने के लिए दिल्ली पुलिस ने लगाई थी कोर्ट में अर्जी
इससे पहले दिल्ली क्राइम ब्रांच ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओएसडी लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि लोकेश शर्मा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं,. लिहाजा इनकी गिरफ्तारी पर लगे रोक को हटाया जाए। अब इस मामले में 24 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होगी, जिसमें लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाने या नहीं हटाने का फैसला होगा।
यह है पूरा मामला
दरअसल जुलाई 2020 में सचिन पायलट कैंप की बगावत के बाद गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट के दौरान फोन टैपिंग का मामला विवादों में आया था । उस वक्त केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें कांग्रेस पार्टी और सरकार की ओर से आरोप लगाया गया था कि गजेंद्र सिंह शेखावत बीजेपी के अन्य नेताओं के साथ सरकार गिराने की साजिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा पर इस ऑडियो को वायरल करने का आरोप है, यह मामला जहां राजस्थान विधानसभा में भी उठा था तो उसके बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसे निजता का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस में मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। इस मामले में अब दिल्ली क्राइम ब्रांच करीब 2 साल से इस मामले की जांच कर रही है। गिरफ्तारी से बचने के लिए लोकेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट की शरण ली थी, जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और लोकेश शर्मा को पुलिस की जांच में सहयोग करने को कहा था।


