सीएम गहलोत का बड़ा आरोप, 'दंगे-हिंसा के पीछे बीजेपी और संघ के लोगों का हाथ' - Khulasa Online सीएम गहलोत का बड़ा आरोप, 'दंगे-हिंसा के पीछे बीजेपी और संघ के लोगों का हाथ' - Khulasa Online

सीएम गहलोत का बड़ा आरोप, ‘दंगे-हिंसा के पीछे बीजेपी और संघ के लोगों का हाथ’

जयपुर। उदयपुर में 13 से 15 मई तक हुए कांग्रेस चिंतन शिविर की समाप्ति के बाद देर रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सांप्रदायिक हिंसा और तनाव को लेकर एक बार फिर बीजेपी और संघ पर हमला बोला है। सीएम गहलोत ने आरोप लगाया कि जिन-जिन प्रदेशों में चुनाव होने हैं, वहां पर एक सोची- समझी साजिश के तहत दंगे भड़काने जा रहे हैं।

गहलोत ने कहा कि दंगों से किस पार्टी को फायदा होता है यह सभी को पता है। गहलोत ने कल देर रात अपने वीडियो संदेश में कहा कि दंगों और हिंसा में जो लोग पकड़े जा रहे हैं वह संघ और बीजेपी बैकग्राउंड के लोग हैं। दंगों से जिस पार्टी को फायदा होता है वही दंगे करवा रही है और उन्हीं के लोगों के नाम सामने आ रहे हैं।

करौली-जोधपुर हिंसा में भी संघ और बीजेपी का हाथ
मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने बयान में कहा कि करौली में दंगों का मुख्य आरोपी भी बीजेपी से जुड़ा हुआ है। जोधपुर में भी बीजेपी के लोगों ने छोटी सी घटना को तूल दे दिया। हालांकि हमने सख्ती बरती और दंगा नहीं हुआ। गहलोत ने कहा कि हनुमानगढ़ में भी दो लोगों के बीच झगड़े को सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास किया गया।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज देश में तनाव और हिंसा का माहौल है। 13 राजनीतिक दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि वह देश के नाम संबोधन देकर शांति की अपील करें, इसमें कोई बुरी बात भी नहीं है, लेकिन समझ से परे है कि प्रधानमंत्री इस मामले में चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। प्रधानमंत्री को खुद आगे आकर सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं और ऐसा करने वाले लोगों की निंदा करनी चाहिए।

दुनिया के कई देशों में होती है यूपी सरकार की कार्यशैली की चर्चा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यूपी सरकार की जिस तरह की कार्यशैली है उसकी चर्चा दुनिया के कई देशों में होती है। यूपी विधानसभा चुनाव में 403 सीटों में से 1 सीट पर भी अल्पसंख्यक वर्ग को नहीं दी गई और चुनाव ध्रुर्वीकरण और हिंदुत्व के नाम पर लड़ा गया।

संविधान और लोकतंत्र खतरे में
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बयान में कहा कि आज देश में संविधान और लोकतंत्र खतरे में है। संवैधानिक संस्थाओं को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है, इसीलिए सद्भावना और भाईचारा कायम करने के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से पदयात्रा करने के फैसले चिंतन शिविर में लिए गए हैं ।

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