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सीएम गहलोत पायलट के सलाहकार को अब गिरफ्तार नहीं करवा सकेंगे, जानिए पूरी खबर

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट के मीडिया सलाहकार के खिलाफ दर्ज मामले में दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी. हाईकोर्ट ने विधायकपुरी थाने में दर्ज मामले में जांच के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करते हुए 18 नवंबर को केस डायरी तलब की है. जस्टिस गोवधर्न बारधार की एकलपीठ ने ये आदेश पायलट के मीडिया सलाहकार लोकेन्द्रसिंह की ओर से दायर अपराधिक विविध याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए है.

विधायकपुरी थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा:
जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के साइबर थानाधिकारी की आरे से विधायकपुरी थाने में पायलट के मीडिया सलाहकार लोकेद्र सिंह एवं एक निजी टीवी चैनल के राज्य संवाददाता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया था. दर्ज मुकदमे के अनुसार पुलिस कंट्रोल रूम में तैनात सोशल मीडिया हैंडलिंग कर्मचारी सुरेंद्र यादव ने ड्यूटी ऑफिसर सत्यपाल सिंह को वॉट्सअप मैसेज दिखाए, जिनमें वायरल किया जा रहा था कि जैसलमेर के जिस सूर्यगढ़ होटल में विधायक मंत्री और विधायक ठहरे थे, वहां चार जैमर लगाए गए हैं. मंत्री और विधायकों के फोन टेप किए जा रहे हैं. जयपुर के मानसरोवर स्थित एक होटल से इन जैमर्स को हैंडल किया जा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया कि ये वॉट्सअप मैसेज भ्रामक प्रचार के उद्देश्य से वायरल किए जा रहे थे. ये मैसेज लोकेंद्र सिंह के मोबाइल से वायरल हुए.

18 नवंबर को केस डायरी पेश करने के दिए निर्देश:
साइबर पुलिस ने आईटी एक्ट और आइपीसी की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. घटना के करीब डेढ माह बाद दर्ज कि गई एफआईआर को लेकर लोकेंद्र सिंह ने इसे राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी.अधिवक्ता एस एस होरा ने लोकेन्द्रसिंह की ओर से पैरवी करते हुए कहा कि ये पूरी तरह गलत एफआइआर दर्ज की गई है और जानबुझकर केवल राजनैतिक कारणों से फसाया जा रहा है.बहस सुनने के बाद जस्टिस गोवर्धन बारधार की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही नहीं करने और 18 नवंबर को केस डायरी पेश करने के निर्देश दिए है. कोर्ट ने अनुसंधान पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

सुनवाई के दौरान जुड़े अन्य अधिवक्ताओं को किया डिस्कनेक्ट:
लोकेन्द्रसिंह की याचिका पर एकलपीठ विडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए वर्चुअल सुनवाई कर रही थी.सुनवाई के दौरान कुछ अन्य अधिवक्ता भी सुनवाई से जुड़ गये थे जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने मजाक करते हुए कहा कि कुछ अधिवक्ता आपके फैसले पर नजर बनाए हुए है.कोर्ट मास्टर की जानकारी अन्य अधिवक्ताओं के जुड़ने की बात सामने आते ही याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को छोड़कर सभी अन्य अधिवक्ताओ को डिसकनेक्ट किया गया.

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