
सीएम गहलोत बोले- सुप्रीम कोर्ट संज्ञान लेकर जांच कराए, सतीश पूनिया का पलटवार- इसकी शुरुआत राजस्थान से करनी चाहिए






पेगासस जासूसी मामले में दिल्ली से लेकर राजस्थान तक सियासत गरमा गई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस बीजेपी के बीच जुबानी जंग का आगाज हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान जारी कर पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेकर तत्काल जांच कराने की मांग की गई है। गहलोत ने लिखित बयान जारी करने के साथ ट्वीट करके केंद्र पर निशाना साधा है। गहलोत के ट्वीट पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने तंज कसने के अंदाज में लिखा- इसकी शुरुआत राजस्थान से करनी चाहिए, चैरिटी बिगिन्स फ्रॉम होम।
चिंताजनक मामला
सीएम अशोक गहलोत ने पेगासस जासूसी मामले में बयान जारी कर कहा- पेगासस जासूसी मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट को खुद संज्ञान लेकर अविलंब जांच के आदेश देने चाहिए। यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा न्यायिक जांच के लिए उपयुक्त केस है। इससे सच्चाई सामने आ जाएगी। जिस तरह से पेगासस सॉफ्टवेयर से मोबाइल हैकिंग और जासूसी की खबरें आ रही हैं। यह बहुत चिंताजनक और शॉकिंग है। अब जासूसी किए गए लोगों की लिस्ट में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जी का भी नाम आ गया है। अभी पता नहीं यह लिस्ट कहां जाकर रुकेगी।
सच्चाई सामने आनी चाहिए
गहलोत ने कहा- 2019 में दिग्विजय सिंह ने जब राज्यसभा में यह मुद्दा उठाया था, तब सरकार में ईमानदारी होती तो इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कराती। देशभर में पिछले कुछ सालों से लगातार यह चर्चाओं में है कि लोगों को सर्विलांस पर रखकर उनके फोन टेप कराकर जासूसी की जा रही है। जैसा बताया गया है कि पेगासस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी के अनुसार यह सॉफ्टवेयर सिर्फ सरकारों को ही बेचा जाता है। यह एक अत्यंत गंभीर विषय है, जिसकी सच्चाई जनता के सामने आनी चाहिए।
पूनिया का तंज
सचिन पायलट की बगावत के वक्त पिछले साल अशोक गहलोत सरकार पर फोन टेपिंग के आरोप लगे थे। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की एफआईआर पर दिल्ली क्राइम ब्रांच फोन टेप केस की जांच कर रही है। गहलोत के पेगासस मामले में जांच की मांग के बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने तंज कसा है कि फोन टेपिंग की जांच पहले राजस्थान से होनी चाहिए।


