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पानी को लेकर शहर के हालात: कई इलाकों में सिर्फ दो बाल्टी आता है पानी, गांवों में मर रहे पशु

निखिल स्वामी की रिपोर्ट
बीकानेर. नहरबंदी के बढऩे से शहर से लेकर गांवों में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। पीने के पानी के लिए लोगों को अब पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। खुलासा टीम ने जब शहर में पानी के हालात को जानें तो लोगों ने बताया कि शहर के नत्थुसर बास, बंगलानगर, रंगा कॉलोनी, सर्वोदय बस्ती, मुक्ताप्रसाद नगर आदि कई क्षेत्रों में पूरे दिन में सिर्फ दो बाल्टी ही पानी आता है। इससे लोगों की पूर्ति नहीं हो पाती है। मजबूरन लोगों को पानी खरीदकर यानि टैंकर के माध्यम से पानी मंगवाना पड़ रहा है। पानी को लेकर शहर के कई इलाकों में लाइनें व विरोध भी देखा गया है। कई महिलाएं तो पानी की मांग को लेकर सडक़ों पर विरोध प्रदर्शन करने लगी। ऐेसे में नहरबंदी बढऩे से शहर के साथ गांवों में पानी का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। मजे की बात है कि पानी के साथ ही शहर के कई इलाकों में बिजली की कटौती भी होने लगी है। गंगाशहर के किसमीदेसर सहित कई इलाकों में तो लाइटें कल रात से नहीं होने से लोगों को इस भयंकर गर्मी में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इनदिनों शहर के कई इलाकों में एक से दो घंटे बिजली की कटौती भी की जा रही है। वहीं गांवों में तो हालात दिनोंदिन बिगड़ते जा रहे है। पानी नहीं होने से गांवों में पशु की मौत हो रही है। इनदिनों पानी के संकट के चलते पशुओं के लिए बनी खेलियां भी खाली पड़ी हुई है। गांवों में रोजाना तीन से चार घंटे लाइट जाती है वहीं दूरदराज के गांवों में आज भी 5 से 7 घंटे लाइटें जा रही है। शहरवासियों को मजबूरन पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि टैंकरों के माध्यम से घरों में पानी डलवा रहे है। इनदिनों टैंकर संचालकों की डिमांड भी बढऩे लगी है। पानी के छोटे टैंकर 700 से 800 रुपए लेते है तो बड़े टैंकर 1000 रुपए लेते है।

यहां पीने योग्य नहीं मिलता पानी
बीकानेर जिले के कई ऐसे इलाके है जहां पानी खारा ही आता है और पीने योग्य नहीं है। ऐसे में नहरबंदी के चलते इन ग्रामीणों के पीने के पानी का संकट खड़ा हो गया है। लूणकरणसर, खाजूवाला, श्रीडूंगरगढ़ के कई गांवों में आज भी पीने का पानी खारा आता है। इन गांवों में पानी के संकट खड़ा होने से लोग दूर-दूर से पानी मंगवाकर गुजारा कर रहे है।

रात को आता है पीने का पानी
गंगाशहर उपनगर में तो पीने का पानी पिछले कई सालों से रात को ही आता है। इन उपनगर के कई इलाकों में आधीरात को पानी आने से लोगों को जागकर पानी भरना पड़ता है। कई बार आधी रात को भी इन इलाकों में लाइटें चली जाती है।

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