
शहरवासी खा रहे है सड़ेगले मावे की मिठाईयों त्यौहारी सीजन आते ही मिठाई विक्रेताओं को होती है बल्ले- बल्ले






शहरवासी खा रहे है सड़ेगले मावे की मिठाईयों
त्यौहारी सीजन आते ही मिठाई विक्रेताओं को होती है बल्ले- बल्ले
बीकानेर(शिव भादाणी ) बीकानेर शहर में त्यौहारी सीजन आते ही कई मिठाई विक्रेताओं के बल्ले बल्ले हो जाती हे क्योकि त्यौहारी सीजन मिलवाटी मावे से थोक के भाव मिठाईयां बनाई जाती है। शहर के कई ऐसे इलाके है जहां पर मिलावटी दूध से लेकर मावे तक बनाया जाता है बस जानकारी नही है तो सिर्फ स्वास्थ्य विभाग को शहर में बने कोल्ड स्टोरों में क्विंटलों मावा पिछले काफी लंबे समय से पड़ा हे जो अब पुरी तरह से खराब हो चुका है। लेकिन फैंकने की जगह उसका उपयोग मिठाईयां बनाने में लिया जायेगा। बीकानेर शहर में सबसे बड़ा मावा का बाजार है जिसमे मावा पट्टी से लेकर जस्सूसर गेट के बाहर कमला कॉलोनी भैसा वाड़ा आदि क्षेत्रों में काफी दुकानें है जहां पर कोल्ड स्टोरों पर मावा व अन्य वस्तुएं रखी हुई है। शहर के कई नामी व्यापारी है जो मावे का स्टॉक रखते है इन कोल्ड स्टोरों मे पड़ा है कुछ तो मावे के पीपों में सड़ चुका है। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के चलते शहरवासियों को सड़ गला मावें से बनी मिठाईयां खाने को मंजूबर है। स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिश के बाद भी मिलावटी व सड़ा गले से निर्मित मिठाई बनाने बंद नहीं हुआ है।


