
दोहरे नामांकन वाले स्टूडेंट्स के प्रवेश के नामांकन को लेकर ऊहापोह के हालात






दो यू डाईस नंबर वाले स्कूल्स कैसे करें एक नंबर सरेंडर
परीक्षा में सम्मिलित नहीं होने वाले स्टूडेंट्स को कैसे किया जाएगा प्रमोट
खुलासा न्यूज,बीकानेर। यू डाईस, पीएसपी, दोहरे नामांकन, शपथ पत्र से प्रवेश, कक्षा 9 व 11 के लिए प्रवेश हेतु पोर्टल शुरू करने सहित प्राईवेट स्कूल्स की अन्य समस्याओं के समाधान के संबंध में निदेशक माध्यमिक शिक्षा सौरभ स्वामी को प्राईवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस ( पैपा) ने ज्ञापन देकर शीघ्र निस्तारण की मांग की है। पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल, अभिषेक आचार्य और कृष्ण कुमार स्वामी ने निदेशक को ज्ञापन सौंपा और बताया कि राज्य में बहुत सी स्कूलों के दो दो यू डाईस नंबर हैं। अनेक स्कूल्स के दो दो पी एस पी नंबर भी इस कारण से जनरेट हो गए। अब जब एकीकृत मान्यता प्रमाण पत्र के लिए पोर्टल पर सभी वांछनीय दस्तावेज स्केन करने हैं तो यह समस्या सामने आना लाजिमी है। इसलिए इस समस्या का तुरंत समाधान होना अत्यंत ही आवश्यक है।
ज्ञापन में बताया गया है कि 2019 में केंद्रीय स्तर पर यू डाईस प्लस पोर्टल का निर्माण हुआ। इस पोर्टल पर दर्ज करने के लिए अनेक जिलों में यू डाईस नंबर परिवर्तित हो गए हैं। अर्थात यू डाईस पोर्टल पर जो नंबर हैं वे नंबर पी एस पी पोर्टल पर दर्ज नहीं है। हालांकि अभी पोर्टल पर यह ऑप्शन दे दिया गया है कि यू डाईस नंबर अपडेट किए जा सकें। लेकिन प्राईवेट स्कूल्स के संचालक यू डाईस नंबर अपडेट क रने से झिझक रहे हैं कि यदि आरटीई का भुगतान इस वजह से नहीं मिला तो बड़ी समस्या हो सकती है। अत: इस शंका का समाधान शीघ्र निस्तारित किया जाना आवश्यक है।
ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि कोरोना संक्रमण के कारण 9 जनवरी 2021 को कक्षा 9 से 12 तक के लिए और 8 फरवरी से कक्षा 6 से 8 के लिए स्टूडेंट्स को स्कूल में आकर पढ़ाई की स्वीकृति दे दी गई । सरकारी गाईडलाईंस के मुताबिक स्टूडेंट्स अभिभावकों की सहमति से ही स्कूल आएंगे, इस वजह से अटेंडेस का महत्व इस वर्ष शून्य हो गया है। इस कारण यह समस्या उत्पन्न हो गई है कि जो स्टूडेंट्स स्कूल नहीं आ रहे हैं, उनके प्रवेश के लिए क्या किया जाए। चूंकि कक्षा आठवीं तक बच्चों को फेल नहीं किया जा सकता है तो ऐसे स्टूडेंट्स यदि परीक्षाओं में भी सम्मिलित नहीं होते हैं तो, उन्हें अगली कक्षा में प्रविष्ट किया जाए या नहीं। यदि इन में से कुछ स्टूडेंट्स बिना किसी सूचना के अन्य स्कूल्स में दाखिला ले चुके हैं तो उनका दोहरा नामांकन हो जाएगा। ऐसी स्थिति में संबंधित विद्यार्थियों का सही स्कूल क ौनसा रहेगा? किस स्कूल में बच्चे को क्रमोन्नति दी जाएगी? यह सवाल बड़ी समस्या उत्पन्न कर रहे हैं। अत: इन सवालों का तुरंत समाधान अपेक्षित है।
कक्षा 5 वीं तक के स्टूडेंट्स को अभी तक स्कूल जाने की परमिशन नहीं मिली है। प्रदेश के हजारों स्टूडेंट्स ने स्कूल चेंज कर लिया है
और इसकी सूचना पूर्व स्कूल को नहीं दी है। इस वजह से ऐसे स्टूडेंट्स के प्रवेश दो दो स्कूल में चल रहे हैं। ऐसे में इन स्टूडेंट्स को दोनों ही स्कूल में प्रमोट किया जाएगा जो कि किसी भी तरह से वैधानिक नहीं है। इसलिए शीघ्र ही एक आदेश जारी किया जाना चाहिए जिससे यह स्पष्ट हो कि कोई भी विद्यार्थी बिना टी सी सत्र 2020-21 में प्रवेश के योग्य नहीं रहेंगे।
शपथ पत्र के आधार पर प्रवेश के वैधानिक नियम विभाग द्वारा तय किए गए हैं लेकिन इस व्यवस्था का अनुचित लाभ लिया जा रहा है। बड़ी संख्या में शपथ पत्र के आधार पर प्रवेश का दुरुपयोग किया जा रहा है। अत: इस संबंध में आवश्यक गाईडलाईंस जारी कराते हुए इस वर्ष शपथ पत्र के आधार पर हुए प्रवेशों की सक्षम स्तर पर जांच करावें ताकि शपथ पत्र के खेल का पर्दाफाश हो सके।
ज्ञापन में बताया है कि सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम फैसले के मुताबिक अभिभावक फीस जमा नहीं करा सकने की स्थिति में अंडर टेकिंग के माध्यम से अपनी मजबूरी संबंधित स्कूल को बताकर किश्तों में भुगतान कर सकते हैं लेकिन उन अभिभावकों के स्टूडेंट्स के प्रवेश के लिए क्या किया जाए जो न तो फीस दे रहे हैं और न ही अंडर टेकिंग दे रहे हैं। अत: इस समस्या का समाधान भी करावें ताकि पिछले एक साल से आर्थिक तंगी से जूझ रहे प्राईवेट स्कूल्स के साथ और अधिक छल नहीं किया जा सके।
ज्ञापन में कहा गया है कक्षा 9 व 11 के लिए एक बार पोर्टल खोलने हेतु विभाग से पूर्व में भी अनुरोध किया जा चुका है लेकिन विभाग ने सुनवाई नहीं की है। अत: पुन: इस संबंध में विचार करते हुए और एक सप्ताह के लिए पोर्टल खोला जाए क्योंकि अभी भी राज्य में हजारों की संख्या में छात्र प्रवेश से वंचित रह गए हैं, यदि पोर्टल नहीं खोला गया तो इन स्टूडेंट्स का एक वर्ष बर्बाद हो जाएगा।


