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सीआई बोले गाडिय़ों के पीछे नाम व स्लोगन लिखना अवैध

बीकानेर। नोखा परिवहन कार्यालय में 32वें राष्ट्रीय सडक़ सुरक्षा सप्ताह का आगाज हुआ। इस अवसर पर सेमिनार का आयोजन हुआ। इसमें पुलिस और सडक़ सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने बढ़ते सडक़ हादसों पर चिंता जताते हुए यातायात नियमों की जानकारी देकर लोगों को जागरूक किया।
डीटीओ डॉ. मक्खन लाल ने कहा कि सडक़ हादसों की मौतों में विश्व में भारत प्रथम स्थान पर है। राजस्थान में प्रतिवर्ष 10 हजार लोगों की मौत सडक़ हादसों से होती है। जागरूक होकर सडक़ सुरक्षा के नियमों की पालना करनी होगी, ताकि बढ़ रहे सडक़ हादसों में कमी लाई जा सके।
सीआई ईश्वर प्रसाद जांगिड़ ने कहा कि ज्यादातर हादसे नशे में वाहन चलाने पर घटित होते हैं। ऐसे वाहन चालक खुद तो हादसे के शिकार होते ही है, अन्य लोगों को भी इसका खमियाजा भुगतना पड़ता है। तेज गति से गाड़ी चलाने पर हादसे के शिकार होने पर लोग अपंग भी हो जाते है, उससे परिजनों को पीड़ा होती है। वर्तमान में वाहनों के पीछे स्लोगन व नाम लिखाने का दौर चल रहा है, जो सरकारी नियमानुसार अवैध है। गाड़ी के पीछे नाम लिखवाने के कारण सडक़ पर उस वाहन के पीछे चलने वाले चालक का ध्यान भंग होने पर हादसा घटित होने का अंदेशा रहता है।
युवा वर्ग दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग नहीं करते हैं। इससे भी मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। उन्होंने वाहन चालकों से यातायात नियमों की पालना करने, सडक़ हादसों में घायल लोगों की तत्काल मदद करने की अपील की।
सेमिनार में एसीबीईओ सुरेश दडिय़ा, यातायात पुलिस निरीक्षक घनश्याम मीणा, कुंजबिहारी शर्मा, पॉल्यूशन वैन चालक भंवरलाल खोजा, श्रवण कुमार, शंकरलाल गोयल, उमाशंकर बिश्नोई, महेंद्र दान, गोपालसिंह, रूपाराम, रतनसिंह, जयपालसिंह, आसुराम, मनीराम सहित लोग मौजूद रहे। सेमिनार के बाद जागरूकता रैली निकाली गई।

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