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शहर में इन इलाकों में मिल रहा है खुल्लेआम चाइनीज मांझा, पुलिस बेखबर,घरों के अंदर बनाये ठिकानें

शहर में इन इलाकों में मिल रहा है खुल्लेआम चाइनीज मांझा, पुलिस बेखबर,घरों के अंदर बनाये ठिकानें
शिव भादाणी
बीकानेर। अक्षय तृतीय पर होने वाली पतंगबाजी के दौरान कुछ दुकानदार दो रुपये लालच में चायनीज मांझा बेच रहे है जिससे आये दिन आमजन व पक्षी घायल हो रहे है। जिला प्रशासन के सख्त आदेशों के बाद भी शहर के लालची दुकानदार खुल्लेआम चायनीज मांझा बेच रहे है। जिसमें कोटगेट, बड़ा बाजार, जस्सूसर गेट, व्यास कॉलोनी व सबसे ज्यादा गंगाशहर, छबीली की घाटी, व किन्नरों के हवेली के पास एक दो मकानों में पतंग बेचने वालों ने अपने ठिकानें छबीली घाटी में बना रखे है जहां से देर रात को चोरी छिपे चायनीज मांझा बचेते है। एक आमजन ने नही छापने की शर्त बताया कि रात को गाडिय़ों को मांझा भरकर जैन स्कूल के पास आता है वहां से टैक्सी व बाइकों से घरों में पहुंचता है देर रात को उनको रोकने वाला कोई नहीं है। उसने बताया कि बड़ा बाजार में कई घरों में चोरी छिपे मौत का सामान बेच रहे है। जो रात को जान पहचान वालों को चोरी छिपे बेचते है। इस तरह छबीली घाटी में घरो के अंदर अण्डर ग्राउण्ड में अपने ठिकानें बना रखे है। पुलिस भी उदासीनता के तरह कार्य कर रही है तभी तो अब तक कोई कार्यवाही नहीं की है जबकि शाम होते है ही सडक़ों पर चायनीज धागों से लोग उलझते नजर आते है।
सामने आया कि शहर के कई गली-मोहल्लों में बेधडक़ चाइनीज मांझा बेचा जा रहा है। कई जगह तो दुकानदार मांझा बेचने के लिए बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं। चाइनीज मांझे की एक चरखी के लिए 500 रुपए देकर ऑर्डर बुक किए जा रहे हैं और करीब आधे घंटे में चरखी दी जा रही है। साथ में कहा कि कोई और ग्राहक हो तो पहले ही बता देना। एडवांस पेमेंट मिलने के बाद मैं खुद चरखी किसी और से मंगवाता हूं। दुकानदार ने ये भी बताया कि कार्रवाई से बचने के लिए हम मांझे को दूसरी जगह रखते हैं और ऑर्डर मिलने पर ही यहां मंगवाते हैं। चाइनीज मांझा बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मांझे का बेचान करते हुए यदि कोई दुकानदार या व्यापारी मिला तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।बीकानेर शहर में प्रतिबंधित चाइनीज मांझा बेचने वाले दुकानदारों ने स्कूलों के पास भी अपने गुर्गे छोड़ रखे हैं। कई दुकानदारों ने तो बच्चों को ही इस काम पर लगा रखा है ताकि किसी को शक नहीं हो। ये स्कूल के बच्चों को उनके घर पर ही मांझा उपलब्ध करा रहे हैं। 500 रुपए जमा कराने पर चाइनीज मांझे की चरखी घर के पास उपलब्ध करा दी जाएगी।
एक दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चायनीज मांझे को ही लोग पसंद करते हैं। क्योंकि, यह मांझा नायलॉन और प्लास्टिक के मिश्रण से बनाया जाता है और यह बहुत मजबूत और तेज होता है। जबकि देशी मांझा कपास और रेशम का बना होता है। इस वजह से यह कम मजबूत होता है। हालांकि, यदि कोई बड़ा चाइनीज मांझा मांगता है, तो उसे नहीं दिया जाता है। साथ ही दुकानों पर इसकी उपलब्धता, बेचते नहीं है बताया जाता है।
इनका कहना है: चाइनीज मांझा का विक्रय शहर में हो रहा है तो पता करवाता हूं। अगर मेरे इलाके में इसकी बिक्री हो रही है तो मै जरूर कार्यवाही करुंगा। चाइनीज मांझा की बिक्री किसी भी हालात में नहीं होगी
जसवीर
एसएचओ कोतवाली

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