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करोड़ों रुपये की लागत से चिल्ड्रन टॉय ट्रेन को लगा जंग, पांच साल से ज्यादा समय से चलने की आस में खड़ी है ट्रेन, देखे वीडियों

बीकानेर(शिव भादाणी) शहर में बच्चों के लिए उस समय खुशी का माहौल था जब काफी समय पहले यूआईटी के द्वारा बच्चों के लिए चिल्ड्रन टॉय टेन पब्लिक पार्क में बने एक पार्क में लगाई गई थी। जहां बच्चे गर्मियों की छुट्टियों में अपने परिजनों के साथ आकर इसमें घुमते और सुनहारी वादियों का नजारा देखकर मोहित हो जाते थे। लेकिन जिला प्रशासन व यूआईटी के अधिकारियों की उदासीनता के चलते ये ट्रेन आज जंग खा रही है। खुलासा टीम ने इसका जायजा लिया और जानकारी ली तो सामने आया कि 8 अक्टूबर 2010 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सरकारी मुख्य सचेतक राजस्थान विधानसभा वीरेन्द्र बेनीवाल के सानिन्नध्य में हुआ। जिसमें करीब यूआईटी के तीन करोड़ों रुपये की लागत से इस टॉय टे्रन को स्थापित किया गया था। कुछ दिन तो ये ट्रेन बीकानेरवासियों के लिए चली लेकिन धीरे धीरे इसको बंद कर दिया गया। इसको लेकर कई बार मीडिया ने अपने सामाचार पत्रों केमाध्यम से प्रशासन को चेताया भी था कि बच्चों के लिए मनोरंजन का साधन बंद पड़ा है लेकिन अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहींदिया।
टॉयट्रेन के लगा जंग
अगर देखा जाये तो करोड़ों रुपये की लागत से खरीदी गई इस ट्रेन को अब जंग लग चुका है। कोरोना काल से पहले से इस ट्रेन कोबिना कोई सूचना के बंद कर दिया गया तब से ये एक मूर्ति बनकर खड़ी है और अब इस पर जगह जगह जंग लग गया है कई
पार्टस चोरी तक हो चुके है लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नही दे रहा है।
कलक्टर व अधिकारियों के सामने है
मजे की बात तो यह है कि यह ट्रेन कलक्टर व अन्य अधिकारियों की नजर से थोड़ी ही दूर है कलक्टर ऑफिस से साफ दिखाई
देती है कि ट्रेन खड़ी है लेकिन किसी ने इसें चालू करवाने की कोशिश नहीं की कलक्टर भगवाती व नमिता मेहता ने भी इसको
शीघ्र चालू करने के आदेश दिये लेकिन यूआईटी ने उनके आदेशों को हवा में उड़ा दिये और आज भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया
है।
इनका कहना है
टॉय ट्रेन खराब पड़ी है. जिसके कारण लोग इस ट्रेन के पार्ट चुराकर ले जा रहे है. हालांकि जिला कलेक्टर की ओर से कई बार टॉय ट्रेन का निरीक्षण किया गया, लेकिन टॉय ट्रेन आज तक शुरू नहीं हुई. जानकारी के अनुसार प्रशासन द्वारा टॉय ट्रेन पर ध्यान नहीं देने पर ट्रेन की बैटरी खराब हो गई और कई पार्ट खराब हो गए है. इन सभी को ठीक करने के लिए करीब पांच लाख रुपए लगेंगे. पार्षद सहित स्थानीय लोगों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि लाखों रुपए से संचालित इस ट्रेन को प्रशासन को बच्चों के लिए मनोरंजन केंद्र के लिए पुन: चालू करना चाहिए. ताकि परिजन अपने बच्चों का मनोरंजन करा सकें। अब इस सरकार से उम्मीद है कि ये ट्रेन आने वाली गर्मियों की छुट्टियों तक बच्चों के मनोरंजन को चालू कर दें।
पूर्व पार्षद महावीर सिंह खींची

 

RAJESH CHHANGANI

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