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इस गांव के बच्चे एयरोप्लेन में पढ़ते है, रोजाना जाते है स्कूल, नहीं मनाते छुट्टी

जयपुर. राजस्थान के अलवर में सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़े, पढ़ाई के प्रति बच्चों का रुझान बढ़े इसके लिए कई नवाचार किये जा रहे हैं, जिले में कई स्कूलों के किए जीर्णोद्धार में स्कूल को कभी ट्रेन के डिब्बो के रूप में बनाया गया है तो कहीं क्रूज की शेप दे दी गयी। एक ऐसा ही स्कूल है जिसे प्लेन की तरह डिजाइन किया गया है। प्लेन में बैठने को लेकर बच्चों में रोमांच बना रहता है और स्कूल जाने के लिए भी बच्चे उत्सुक रहते हैं।

मालाखेड़ा क्षेत्र के इंदरगढ़ में चल रहे सरकारी स्कूल की कायाकल्प हो चुकी है। यहां स्कूल में एक हवाई जहाजनुमा क्लास रूम हैं जिसमें पढ़ने के लिये बच्चों में जोश रहता है। सरकारी स्कूल के इस क्लास रूम को सहगल फाउंडेशन के सहयोग से इंजीनियर राजेश लवानिया ने डिजाइन किया है। राजेश बताते हैं कि जब सबसे पहले ट्रेन के डिजाइन में स्कूल के क्लास रूम तैयार किये गये थे तो उसके अच्छे परिणाम सामने आये और स्कूल में नामांकन भी बढ़ा और बच्चों में पढ़ाई के लिए स्कूल आने की उत्सुकता भी नजर आई। उसी तरह इस प्लेन नुमा स्कूल रूम को तैयार किया गया है जिसमें करीब 45 लाख रूपए का खर्चा आया है जिसके लिए एक एनजीओ समेत ग्रामीणों का भी सहयोग मिला है।

ग्रामीण इलाकों के छात्रों ने कभी हवाई जहाज नहीं देखा। ऐसे में हवाईजहाज में बैठना तो दूर की बात है। लेकिन अलवर में ये एक ऐसा सरकारी स्कूल है, जो दूर से देखने में हवाई जहाज ही लगता है। इस हवाई जहाज के अंदर मॉडर्न क्लासेस समेत कई सुविधाएं हैं और यही वजह है कि स्कूल खत्म होने के बाद भी बच्चे घर नहीं जाना चाहते हैं।

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