8 साल या उससे कम उम्र के बच्चों में मंकीपॉक्स होने का खतरा सबसे अधिक

8 साल या उससे कम उम्र के बच्चों में मंकीपॉक्स होने का खतरा सबसे अधिक

लंदन, आइएएनएस। कोरोना महामारी के बीच अब मंकीपॉक्स कहर बरपा रहा है। मंकीपॉक्स के मरीजों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स दस्तक दे चुका है। वहीं अब एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 8 साल या उससे कम उम्र के बच्चों में मंकीपॉक्स होने का खतरा सबसे अधिक है। द पीडियाट्रिक में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, 8 साल या उससे कम उम्र के बच्चों को मंकीपॉक्स के लिए उच्च जोखिम वाली आबादी के रूप में माना जा
मंकीपॉक्स का खतरा कम आय वाले देशों में सबसे ज्यादा
बच्चों में मंकीपॉक्स के मामलों में कमी होने के बावजूद बच्चों में मंकीपॉक्स फैलने का खतरा सबसे अधिक हैं। स्विट्जरलैंड के फ्राइबर्ग विश्वविद्यालय के डॉ पेट्रा जिमर्मन और मेलबर्न विश्वविद्यालय के निगेल कर्टिस ने कहा कि, बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने की दर में वृद्धि है। वहीं उच्च आय वाले देशों में भी मृत्यु दर में वृद्धि होने की सूचना मिली है।
देश में 24 घंटे में कम हुए कोरोना के केस
कम आय वाले देशों के आंकड़ों के आधार पर 8 साल के कम उम्र के बच्चों को मंकीपॉक्स होने का खतरा सबसे ज्यादा है। छोटे बच्चों में संक्रमण वाले हिस्से को खरोंचने और शरीर के अन्य हिस्सों को फैलाने का खतरा बढ़ जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि अगस्त तक, दुनिया भर में मंकीपॉक्स के लगभग 47,000 मामले सामने आए थे। इनमें से सिर्फ 211 मामले 18 साल से कम उम्र के बच्चों और किशोरों में थे।

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