बाल कल्याण समिति ने एक साल में निपटाएं 11 प्रकरण,बाल श्रमिकों मिलाया परिवार से

बाल कल्याण समिति ने एक साल में निपटाएं 11 प्रकरण,बाल श्रमिकों मिलाया परिवार से

खुलासा न्यूज,बीकानेर। किशोर न्याय अधिनियम के तहत गठित बाल कल्याण समिति बीकानेर ने अपने कार्यकाल का एंक वर्ष पूरा किया। कोरोना महामारी के चलते भी बाल कल्याण समिति ने अपने दायित्वों का पूर्ण जिम्मेदारी के साथ निर्वहन किया और देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों की देखरेख, संरक्षण, उपचार, शिक्षा, विकास एवं पुनर्वास के मामलों का निपटारा किया। बाल कल्याण समिति बीकानेर अध्यक्ष डॉ किरण सिंह सदस्य सरोज जैन,जुगल किशोर व्यास,हर्षवद्र्धन सिंह भाटी और आईदान के द्वारा एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर किशोरगृह परिसर में वृक्षारोपण किया और सभी ने पर्यावरण सन्तुलन रखने की शपथ भी ली इस अवसर पर सहायक निदेशक, बाल अधिकारिता विभाग बीकानेर व अधीक्षक डॉ अरविन्द आचार्य भी उपस्थित थे।

बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डॉ किरण सिंह ने बताया कि समिति द्वारा एक साल में 101 प्रकरणों का निस्तारण कर बालक, बालिकाओं का पारिवारिक पुनर्वास किया गया है। समिति की अध्यक्ष डॉ. किरण सिंह ने बताया कि समिति ने गत वर्ष 17 दिसम्बर को कार्यभार संभाला। इसमें अध्यक्ष के अलावा एडवोकेट जुगल किशोर व्यास,सरोज जैन,हर्षवद्र्धन सिंह भाटी और आईदान ने सदस्य के रूप में पदभार ग्रहण किया। तब से लेकर अब तक कुल 104 प्रकरण प्राप्त हुए। इनमें से 101 प्रकरणों का निस्तारण करते हुए 62 बालिकाओं और 39 बालकों का पारिवारिक पुनर्वास किया गया। इनमें से बाल कल्याण समिति समक्ष 22 बाल श्रमिक भी प्रस्तुत हुए। इनका पारिवारिक पुनर्वास भी करवाया गया। परिवारजनों से बालश्रम नहीं करवाने के लिए पाबंद किया गया तथा बालश्रम में लिप्त नियोक्ताओं के खिलाफ बालश्रम के तहत मुकदमें भी दर्ज हुए। बालश्रम में छोड़े गए छ: बालक जो कालाहांडी उड़ीस के थे जिन्हे बाल संरक्षण इकाई के सहयोग से उनके घर भेजा गया।

उन्होंने बताया कि जब उन्होंने समिति का कार्यभार संभाला, तब 20 प्रकरण लंबित थे। इनमें लंबित प्रकरणों में से भी 11 का निस्तारण समिति द्वारा किया गया। इनमें से 4 बालिकाओं के प्रकारण दो साल से भी अधिक समय से पुराने थे उनका निस्तारण करते हुए समिति द्वारा 1 बालिका जिसे अपने घर का पता नहीं था उसके घर का पता लगाकर बिहार भेजा गया एवं एक अन्य बालिका को नागौर भेजा गया। इस प्रकार बालिका गृह में एक बालिका जिसका बाल विवाह उसकी मर्जी के खिलाफ हो रखा था उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से विधिक सहायता भी दिलवाई गई। डॉ किरण सिंह ने बताया कि राजकीय शिशुगृह आवासित 7 शिशुओं को विधिक रूप से दत्तक के लिए स्वतंत्र घोषित किया गया। इनमें से 3 बच्चे अच्छे परिवारों द्वारा गोद ले लिए गए है। शिशुगृह में 5 वर्षीय बालक जो मानसिक व शारीरिक रूप से अक्षम था जिसका इलाज बीकानेर में नहीं हो रहा था उसे बाल विभाग जयपुर से समन्वय स्थापित कर बाल कल्याण समिति के आदेश से नारायण सेवा संस्थान भेजा गया। जहां शिशु का उपयुक्त इलाज शुरू हुआ।

डॉ सिंह ने बताया कि बाल कल्याण समिति द्वारा गुमशुदा बच्चे हिमाचल प्रदेश सोलन,पश्चिम बंगाल चौबीस परगना,गाजियाबाद दिल्ली, यमुना नगर हरियाणा, बहादूरगढ़ हिसार, महेन्द्रगढ़, बिहार, पंजाब मोहाली, उत्तरप्रदेश आगरा इत्यादि स्थानों से आए थे, उनके घर का पता कर उनके परिवार जनों के साथ उनके बच्चों का पुनर्वास कराया गया। करीब डेढ-दो वर्ष से यहाँ बालिका गृह में आवासित बालिकाओं का उनके परिजनों का बिहार मुजफ्फरपुर एवं हरियाणा का पता करके उन्हें सुपुर्द किया गया। एक 6-7 माह की बची जिसकी आँख में ळसंनबवउं था उसे जोधपुर एम्स में चिकित्सा करवाई गई। बाल कल्याण समिति द्वारा शिशुगृह में आवासित सेरेब्रल पाल्सी से पीडि़त बच्चे की चिकित्स हेतु नारायण सेवा संस्थान उदयपुर भेजा गया, वहाँ पर शिशु ठीक है एवं उसकी चिकित्सा एवं आवश्यक देखभाल हो रही है।डॉ किरण सिंह अध्यक्ष बाल कल्याण समिति बीकानेर ने बताया बाल कल्याण समिति के सफल एक वर्ष के कार्यकाल में बालिकागृह अधीक्षिका श्रीमती शारदा देवी चौधरी, किशोरगृह अधीक्षक अरविन्द आचार्य दोनों संस्थानों का पूरा स्टाफ, चाइल्ड हेल्प लाईन, समन्वयक श्रीमती विजय लक्ष्मी चाइल्ड हेल्प डेस्क समन्वय पप्पूराम, कर्मचारी दीपक स्वामी प्रशासन एवं पुलिस का पूरे वर्ष कार्यो के क्रियान्वयन में पूरा और अच्छाा सहयोग मिला।

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