
अबूझ सावा व मतदान एक साथ






अधिकारी व पुलिस चुनावी ड्यूटी में बाल-विवाह पर कैसे लगेगा अंकुश?
बीकानेर। इस बार अबूझ सावा अक्षय तृतीया व लोकसभा चुनाव एक साथ है। अधिकारी व पुलिस भी मतदान प्रक्रिया सम्पन्न करवाने में जुटे रहेंगे। नगर स्थापना दिवस तथा अक्षय तृतीया को सावे के चलते बड़ी संख्या में विवाह सम्पन्न होंगे। मतदान करवाने के साथ अधिकारी, कार्मिक व पुलिस थकान की खुमारी उतारने में लगी रहेंगी। ऐसे में अबूझ सावे पर होने वाले बाल-विवाह पर अंकुश कैसे लग पाएगा? जबकि जिला प्रशासन ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देकर अपने कार्य के प्रति इतिश्री कर ली है।
चुनावी ड्यूटी हो गई शुरू
सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव की प्रक्रिया वैसे तो शनिवार से शुरू हो गई है। दूरस्थ स्थानों वाले मतदान केन्द्रों के लिए पोलिंग पार्टियां शनिवार को रवाना हो गई है, जबकि नजदीकी केन्द्रों के लिए रविवार सवेरे रवाना होंगी। जो कि छह मई को मतदान सम्पन्न करवाने के बाद देर रात तक अपने स्थानों से वापस रवाना होंगी। जो कि देर रात को या फिर अगले ही दिन जिला मुख्यालय पर पहुंचकर रिपोर्ट कर पाएंगी।
नगर स्थापना दिवस पर भी होंगे विवाह
अबूझ सावा अक्षय तृतीया को तो विवाह होंगे ही इसके अलावा नगर स्थापना दिवस यानी वैशाख शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भी शहर व ग्रामीण क्षेत्र में विवाह होंगे। ऐसे में चुनावी ड्यूटी में व्यस्त प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस के समक्ष दोहरी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि वे क्षेत्र में होने वाले बाल-विवाहों पर नजर रखें या फिर लोकसभा चुनाव पर।
अब भी बाल-विवाह की संभावना
हालांकि शिक्षा के प्रचार-प्रसार व लोगों के शिक्षित होने पर पश्चिमी राजस्थान में होने वाले बाल-विवाह की संख्या में काफी हद तक कमी आई है। इसके बावजूद भी दूरदराज गांवों, चकों व ढाणियों में आज भी बाल-विवाह की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि कई स्वयंसेवी संगठन, सरकारी कार्मिक आदि अपने-अपने क्षेत्र में होने वाले बाल-विवाह पर पैनी निगाह रखे हुए है।
…तो और बेहत्तर स्थिति
एक ओर जहां ये स्थिति है तो दूसर ओर और भी बेहत्तर स्थिति इस बार अबूझ सावे पर होने वाले बाल-विवाह पर नजर रखने तथा उनकी रोकथाम में हो सकती है। जिसका कारण है कि शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र स्थित मतदान केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी लोकसभा चुनाव के चलते मौजूद रहेंगे। ऐसे में वहीं से ये अधिकारी व पुलिस बाल-विवाह पर अपनी पैनी नजर रख सकते है। बल्कि बाल-विवाह की शिकायत पर तुरंत मौके पर पहुंच उसको रोकने की कार्रवाई भी की जा सकती है।
‘सभी उपखण्ड अधिकारियों को अबूझ सावे पर बाल-विवाह की संभावना के मध्यनजर पैनी निगाह रखने तथा शिकायत मिलने पर त्वरित कार्रवाई करने व बाल-विवाह की रोकथाम के आदेश दिए गए है।Ó
कुमारपाल गौतम, जिला कलक्टर


