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मुख्यमंत्री बोले- मेरा नाम अशोक गहलोत है:कहा- जहां अशोक होता है, वहां शोक कैसे हो सकता है

जोधपुर जोधपुर में आईटी क्षेत्र में विकास की बात करते-करते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सियासी इशारा कर गए। मुख्यमंत्री ने  जोधपुर राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल इंस्टीट्यूट का वर्चुअल शिलान्यास किया। डीजी फेस्ट के समापन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा- मेरा नाम अशोक है। जहां शोक के आगे अ लग जाता है वहां शोक नहीं रहता।
मुख्यमंत्री ने जैसे ही मंच से यह कहा, तो उनके नाम के नारे लगने लगे। उन्होंने कहा कि मेरे होते राजस्थान में शोक नहीं हो सकता। हमने आईटी क्षेत्र में ऊंचाईयां हासिल की है। देश की पहली डिजीटल युनिवर्सिटी शुरु हुई है। हमारी सरकार आईटी बेस्ड हो रही है। उन्होंने कहा कि मेरी गवर्नमेंट अकेले कुछ नहीं कर सकती। आपको भी साथ देना होगा। उन्होंने देश भर में जोधपुर के लोगों का वर्चस्व की तारीफ की
इस मौके पर जोधपुर और पाली में आई-स्टार्ट नेस्ट इंक्यूबेटर सेंटर का लोकार्पण भी किया। साथ ही राजस्थान स्टार्टअप नीति-2022 का विमोचन, रुलर इनोवेशन चैलेंज विजेताओं का सम्मान किया। मुख्यमंत्री सुबह अहमदाबाद से विशेष विमान से जोधपुर आए इस दौरान उन्होंने माणक अलंकरण समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं में आईटी के इस्तेमाल से लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने 21वीं सदी के लिए जो सपना देखा था, हम उसी पर आगे बढ़ रहे हैं। राज्य सरकार की प्रौद्योगिकी पर आधारित योजनाओं और स्टार्टअप के जरिए युवाओं के सपने भी पूरे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में टैलेंट को अवसर प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है। मुझे हमारे आईटी टैलेंट पर गर्व है। हम उनके सपनों को पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री ने जनकल्याणकारी योजना की जानकारी दी।
गहलोत ने राजस्थान स्टार्टअप नीति-2022 का विमोचन किया। इस नीति से प्रदेश में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिलेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और निवेश क्षेत्र में भी विस्तार होगा। इसमें एससी-एसटी सहित हर वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है।
गहलोत ने राजस्थान स्टार्टअप नीति-2022 का विमोचन किया। इस नीति से प्रदेश में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिलेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और निवेश क्षेत्र में भी विस्तार होगा। इसमें एससी-एसटी सहित हर वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 672.45 करोड़ रुपये की लागत से इंस्टीट्यूट तैयार होगा, जिसमें विद्यार्थियों और स्टार्टअप्स सहित युवाओं को विश्वस्तरीय मंच मिलेगा। उन्होंने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन में सूचना प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका रही है। राज्य सरकार अपनी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए आईटी का इस्तेमाल कर रही है।

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