
मुख्यमंत्री गहलोत ने ली Covid-19 समीक्षा बैठक, कहा- संक्रमण रोकने के लिए जांच का दायरा बढ़ाया जाए





जयपुर: प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम के लिए जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा और टेस्टिंग का लक्ष्य प्रतिदिन एक लाख करने पर मंथन चल रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर अधिकारियों के साथ कोविड समीक्षा बैठक करके कहा कि अधिक से अधिक जांच की जाए ताकि संक्रमण का समय पर पता लग सके और इसका फैलाव रोकने में आसानी हो। उन्होंने वैक्सीनेशन के लिए समुचित व्यवस्थाएं शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए.प्रदेश में भले ही एक तरफ पंचायत चुनाव का घमासान मचा हुआ है और हार जीत का विश्लेषण हो रहा है, लेकिन सीएम गहलोत का फोकस पूरी तरह से प्रदेश पर मंडरा रहे कोविड संक्रमण पर है. सीएम गहलोत ने अपने आवास पर कोर ग्रुप के अधिकारियों व चिकित्सकों की बैठक लेकर कहा कि जांच में देरी से लोगों के जीवन को खतरा पैदा होता है और रोगी की स्थिति गंभीर हो जाती है. इसे ध्यान में रखते हुए हैल्थ वर्कर एवं चिकित्साकर्मी सर्दी, खांसी, जुकाम (आईएलआई) जैसे लक्षण वाले लोगों की आवश्यक रूप से जांच करवाना सुनिश्चित करें. बैठक में राज्य मंत्री सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेषक एम.एल. लाठर, चिकित्सा षिक्षा सचिव वैभव गालरिया, स्वायत्त शासन निदेषक दीपक नन्दी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, प्रमुख सचिव गृह अभय कुमार एवं चिकित्सा विषेषज्ञ डाॅ. वीरेन्द्र सिंह भी वीसी के माध्यम से जुड़े. इस बैठक में और क्या क्या हुआ, एक नजर इस पर भी डालते हैं.
प्रदेश में बढ़ेगा कोरोना जांच का दायरा:
-एक लाख जांच प्रतिदिन कराने का लक्ष्य
-सीएम गहलोत ने अधिकारियों को दिए निर्देश
-संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए ज्यादा टेस्टिंग जरूरी
-जांच करने के लिए अधिक मानव संसाधन की जरूरत
-अर्जेन्ट टेम्परेरी बेसिस पर चिकित्साकर्मियों की सेवाएं लेने के निर्देश
-वैक्सीन की तैयारियों की समीक्षा की गहलोत ने
-कहा – वैक्सीनेशन के लिए पर्याप्त सेन्टर बनाए जाएं
-सेन्टर्स पर वैक्सीनेशन के लिए पुख्ता इंतजाम हों
-लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े
-वैक्सीन के सुरक्षित परिवहन एवं भण्डारण इंतजाम करने के निर्देश
-प्रथम चरण में स्वास्थ्यकर्मियों का होगा वैक्सीनेशन
-सरकारी एवं निजी चिकित्सा संस्थानों में करीब 5000 साइट होगी तैयार
संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रो-एक्टिव टेस्टिंग:
कोविड समीक्षा बैठक में वीसी के माध्यम से जुड़े मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रो-एक्टिव टेस्टिंग की जा रही है. हमारी रिकवरी रेट लगातार बढ़ रही है. रिकवरी रेट बढ़कर 92.20 प्रतिशत हो गई है. अस्पतालों में पाॅजिटिव रोगियों की संख्या घटी है. वहीं राज्यमंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने कहा कि अधिक जांच के लिए मानव संसाधन बढ़ाना जरूरी है. प्रक्रियाधीन करीब 2000 लैब टेक्नीषियन की भर्ती जल्द पूरी होगी. RUHS के कुलपति डाॅ. राजाबाबू पंवार ने कहा कि हर्ड इम्यूनिटी के स्तर तक पहुंचने से हम अभी काफी दूर हैं. वहीं SMS मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुधीर भण्डारी ने कहा वैक्सीनेशन की पहली डोज के बाद 15 दिन में इम्यूनिटी विकसित होना शुरू होती है. दूसरी डोज के बाद करीब 70 प्रतिशत तक इम्यूनिटी विकसित हो जाती है। चिकित्सकों व अधिकारियेां की राय लेने के बाद ही सीएम गहलोत ने फैसला किया है कि जांच का दायरा बढाया जाए. साथ ही उन्होंने हैल्थ प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना करने के भी निर्देश दिए हैं.


