मुख्यमंत्री गहलोत ने शुरू की ब्रांडिंग, बिजली के बिलों में फोटो, सब्सिडी का प्रचार

मुख्यमंत्री गहलोत ने शुरू की ब्रांडिंग, बिजली के बिलों में फोटो, सब्सिडी का प्रचार

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावी साल से पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर अपनी ब्रांडिंग करने में जुटे हैं। च्ड की लाभार्थी पॉलिटिक्स और दिल्ली के ब्ड केजरीवाल की मुफ्त बिजली स्कीम की तरह राजस्थान में भी बिजली बिलों पर ब्ड गहलोत की फोटो छपनी शुरू हो गई है।

बिल पर सबसे टॉप पर फोटो के साथ मैसेज लिखा गया है. श्राजस्थान सरकार की घरेलू उपभोक्ताओं को अनुदान की पहल से आपकी बचतश्। इसके साथ ही इस महीने की बचत का अमाउंट ;रुपए मेंद्ध और अब तक इस साल की बचत;रुपए मेंद्ध का कॉलम दिया गया है। बिजली बिलों पर ऐसे विज्ञापनों के जरिए तीनों कैटेगरी ठच्स्ए लघु घरेलू और सामान्य घरेलू लाभार्थियों को साधने की कोशिश की जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की ओर से चलाई गई योजना से आपका कितना पैसा बच रहा है।

क्या है लाभार्थी पॉलिटिक्स
च्ड मोदी ने केंद्र की जनता से जुड़ी योजनाओं का प्रचार हमेशा लाभार्थी फॉर्मूले से ही किया है। इसमें उज्ज्वला योजनाए आयुष्मान भारतए प्रधानमंत्री ग्रामीण और शहरी आवास योजनाए मुफ्त राशन वितरण कार्यक्रमए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और पेंशनए डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम के जरिए पीएम मोदी लोगों में लोकप्रियता हासिल करने में भी कामयाब रहे हैं।

खास बात यह है कि इस फॉर्मूले से स्कीम के लाभार्थी ही नहीं बल्कि पूरे परिवार और वर्ग को भी साधा जा सकता है। दिल्ली और पंजाब में बिजली.पानी जैसी यूटिलिटी सेवाओं में छूट देना सफल चुनावी फॉर्मूला साबित हुआ था। अब गहलोत भी उस फॉर्मूले को अपना रहे हैं। राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 1ण्18 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं को साध रहे हैं।

सब्सिडी का फायदा
राजस्थान में जयपुरए जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम कंपनियों के करीब 1ण्18 करोड़ घरेलू उपभोक्ता है। इन सभी उपभोक्ताओं को 256 रुपए से लेकर अधिकतम 780 रुपए तक का फायदा हर महीने के बिजली बिल पर शुरू हो गया है। कई उपभोक्ताओं को दो महीने के बिजली के बिल भेजे जा रहे हैं। उन्हें एक साथ दो महीने की सब्सिडी दी जा रही है। इससे उनके बिल में बड़े अमाउंट की छूट दिखाई दे रही है।

उदाहरण के तौर पर बिल में 519 यूनिट बिजली दो महीने में कंज्यूम की गई। दोनों महीने की शुरुआती 150.150 यूनिट पर 3 रुपए प्रति यूनिट सब्सिडी के हिसाब से 450़450त्र900 रुपए सब्सिडी और ऊपर की 219 यूनिट पर 2 रुपए प्रति यूनिट सब्सिडी के हिसाब से 438 रुपए सब्सिडी बनी। इस तरह उपभोक्ता को कुल 1338 रुपए सब्सिडी की बचत हो गई।

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