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पार्टी के डेमैज कंट्रोल में छाजेड़ को मिला मौका

खुलासा न्यूज, बीकानेर। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद पार्टी ने भाजपा शहर जिलाध्यक्ष की घोषणा कर दी है। प्रदेश भाजपा के कोषाध्यक्ष पंकज गुप्ता बीकानेर पहुंचे और पार्टी की मीटिंग में भाजपा नेत्री सुमन छाजेड़ को अध्यक्ष घोषित किया। हालांकि इससे पहले पार्टी ने पूरी प्रक्रिया अपनाई, लेकिन यह महज प्रक्रिया ही थी, नाम तो ऊपर से पहले ही तय हो चुका था। शहर अध्यक्ष पद को लेकर संगठन व नेताओं में पनपे असंतोष में संघ पृष्ठ भूमि से आने वाली सुमन छाजेड़ को मौका मिला। राजनीति के जानकार बताते है कि दौड़ में तो कोई ओर ही था, लेकिन जो लोग दौड़ में थे उनसे पार्टी के यहां के वरिष्ठ नेता खुश नहीं थे। इस डैमेज कंट्रोल में सुमन छाजेड़ को मौका मिल गया, जो पार्टी कि सक्रिया नेता होने के साथ सबको साथ लेकर चलने वाला चेहरा भी है। वहीं, दूसरी और बीजेपी के महिला आरक्षण वाले दावा पर भी धरातल पर उतरता हुआ नजर आया है, जहां बीकानेर में शहर जिलाध्यक्ष की कमान एक महिला नेता सुमन छाजेड़ के हाथ थमाई है। बताया जाता है कि सुमन छाजेड़ की सबसे अधिक पैरवी बीकानेर पश्चिम जेठानंद व्यास ने की। व्यास भी संघ पृष्ठ भूमि से आते हैं, ऐसे में यह कहने में भी कोई संकोच नहीं होगा कि शहर अध्यक्ष में संघ की चली है।

रांका और सुराना के बीच नहीं बनी सहमति, नहीं साध नहीं पाये बड़े नेताओं को

शहर भाजपा के लिए इस बार वैश्य समाज से अध्यक्ष बनाने का निर्णय उच्च स्तर पर किया जा चुका था। ऐसे में पूर्व नगर विकास न्यास चेयरमेन महावीर रांका, शहर भाजपा में अर्से से महामंत्री रहे मोहन सुराना और महिला कोटे से सुमन छाजेड़ का नाम आगे चल रहा था। उच्च स्तर पर रांका और सुराणा के बीच समन्वय का प्रयास किया गया, काफी हद तक सहमति भी बन चुकी गई थी, लेकिन अंत तक बड़े नेताओं की नाराजगी दूर करने में असफल रहे। पार्टी के बड़े नेताओं से मनमुटाव व नाराजगी होने के कारण इसका लाभ सुमन छाजेड़ को मिला। गंगाशहर क्षेत्र से ही सुमन छाजेड़ को अध्यक्ष पद का तीसरा और प्रमुख दावेदार माना गया। अंत में ये ही नाम फाइनल हुआ। सुमन छाजेड़ पार्टी में अर्से से सक्रिय है। वो पूर्व मेयर सुशीला कुमारी के साथ भी काफी सक्रिय रही थी। हालांकि दो नेताओं के संघर्ष के बीच छाजेड़ को जिलाध्यक्ष बनाने का दावा मजबूत हो गया।

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