
खुले दूध की शुद्धता की जांच : 22 में से 16 सैम्पल फैल, जांच के लिए गर्म दूध न लाए उपभोक्ता








खुलासा न्यूज, बीकानेर। राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लि.(आरसीडीएफ) जयपुर के निर्देशानुसार उरमूल डेयरी बीकानेर के विपणन व गुण नियंत्रण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में “दूध का दूध और पानी का पानी-शुद्ध के लिए युद्ध” अभियान में आम उपभोक्ताओं के घर आने वाले खुले दूध की शुद्धता की जांच की जा रही है तथा आमजन को नकली व मिलावटी दूध से स्वास्थ्य पर पडऩे वाले प्रभावों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
इसी क्रम में उत्तरी राजस्थान सहकारी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड, बीकानेर(उरमूल डेयरी)के प्रबन्ध निदेशक बाबूलाल बिश्नोई के निर्देश पर दूध का दूध-पानी का पानी-शुद्ध के लिए युद्ध अभियान 10 जनवरी से प्रारम्भ किया गया था तथा आगामी 17 फरवरी तक चलेगा।
उरमूल डेयरी के मार्केटिंग हैड मोहनसिंह चौधरी ने बताया कि बीकानेर में अब तक कुल 291 दूध के सैम्पल आए, जिनमें से केवल 50 सैम्पल पास हुए। शेष सभी सैम्पल्स में पानी सहित स्ट्रेच, नमक, ग्लूकोज व अनेक प्रकार की मिलावट पाई गई। आज का दूध जांच शिविर केजी कॉम्पलेक्स रानी बाजार स्थित सरस बूथ संख्या- 28 के आगे आयोजित हुआ।
अभियान प्रभारी शुभम गुलाटी ने बताया कि कुल 22 सैम्पल आए, जिसमें से 16 सैम्पल फैल और केवल 06 सैम्पल पास हुए।गुलाटी ने उपभोक्ताओं से आग्रह किया कि गर्म किया हुआ दुध नहीं लाएं, ताजा और कच्चे दूध को कांच के साफ बर्तन मे मात्र 25 मिली ही सैम्पल लाए। बूथ संचालक ए के श्रीवास्तव ने भी जांच शिविर में सहयोग किया।
उरमूल डेयरी की एक टीम ने आस पास के घरों में जांच शिविर लगने के पूर्व डोर टू डोर सम्पर्क कर उरमूल डेयरी के ऊँटनी के दूध और टोन्ड दूध के 200 मिलीलीटर के पाउच नि:शुल्क वितरित कर ऊँटनी के दूध व टोन्ड दूध के फायदे बताए। साथ ही पैम्पलेट वितरण कर उपभोक्ताओं को जागरूक किया।
उरमूल डेयरी की ओर से सरस दूध का सैम्पल टेस्ट करवाने वाले उपभोक्ता को नए साल का कलेण्डर और 200 मिली का दूध का पाउच गिफ्ट के तौर पर दिया जाता है। अगला शिविर सोमवार को कोटगेट के पास सार्दुल स्कूल के सामने स्थित बूथ संख्या-1244 पर लगेगा।
आज के अभियान पर स्थानीय उपभोक्ताओं निर्मला, सरस्वती, अन्नपूर्णा,इमरान, सुरेन्द्रसिंह,रियाज़ मोहम्द आदि ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उरमूल डेयरी के दूध के भाव बाजार के मुताबिक होने चाहिए।जांच अभियान शिविर के पहले दिन माइक से प्रचार प्रसार किया जाये तो ज्यादा लोग जागरूक हो पाएंगे।


