
पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में फिर हंगामा, डॉक्टर पर बॉल खींच कर मारपीट का आरोप




पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में फिर हंगामा, डॉक्टर पर बॉल खींच कर मारपीट का आरोप
बीकानेर। संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीबीएम अस्पताल में अव्यवस्था और लापरवाही को लेकर एक बार फिर हंगामे की स्थिति बन गई। लगातार विवादों के चलते पीबीएम की व्यवस्थाएं बेपटरी नजर आ रही हैं और अस्पताल की साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं। करोड़ों रुपये के बजट और बड़े अधिकारियों के दावों के बावजूद छोटे-छोटे मुद्दों पर अस्पताल का बार-बार विवादों में आना चिंता का विषय बना हुआ है।
ट्रॉमा सेंटर से सामने आया मामला
बीती रात ट्रॉमा सेंटर में देराजसर से आए एक परिवार के साथ कथित तौर पर विवाद हो गया। जानकारी के अनुसार, छाती में दर्द की शिकायत पर माँ-बेटा इलाज के लिए पहुंचे थे। दर्द अधिक होने के कारण माँ ने इलाज में थोड़ी जल्दी करने की बात कही, जिससे ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों के आक्रोशित होने की चर्चा है। इसी बात को लेकर बहस शुरू हुई और देखते ही देखते हंगामा हो गया। आरोप है कि हंगामे के दौरान मौजूद कुछ नर्सिंगकर्मियों ने युवक के बाल खींचे। काफी देर तक चले विवाद के बाद अन्य लोगों के बीच-बचाव से मामला शांत हुआ।
बार-बार विवाद, व्यवस्था पर सवाल
यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि जिस अस्पताल की पहचान बेहतर इलाज से होनी चाहिए, वह हंगामों की सुर्खियों में क्यों बना हुआ है। बीते समय पर नजर डालें तो पीबीएम अक्सर विवाद, अव्यवस्था और लापरवाही के मामलों में चर्चा में रहा है। हाल ही में गलत खून चढ़ाने की घटना के बाद भी सुधार के बड़े-बड़े दावे किए गए थे, लेकिन जमीनी हकीकत में सुधार नजर नहीं आया।
कब उतरेगी व्यवस्था धरातल पर?
हर विवाद के बाद जांच और सुधार की बातें तो होती हैं, लेकिन वे कब और कैसे लागू होंगी—यह अब भी स्पष्ट नहीं है। मरीजों और उनके परिजनों की अपेक्षा है कि प्रशासन ठोस कदम उठाए, ताकि इलाज प्राथमिकता बने और अस्पताल में शांति व सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।




