
जन्म-मृत्यु के रजिस्ट्रेशन नियमों में हुआ बदलाव, पढ़ें खबर






आनाकानी करने पर अधिकारी को देना होगा 250 रुपए का जुर्माना; आदेश के खिलाफ अपील भी कर सकेंगे
खुलासा न्यूज, नेटवर्क। राजस्थान में जन्म-मृत्यु के रजिस्ट्रेशन में अब कई नए नियम जोड़े गए हैं। इसके तहत अब निकायों में कोई भी रजिस्ट्रार या उप रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु का पंजीकरण या प्रमाण पत्र जारी करने में आनाकानी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान किया है। इस संबंध में हाल ही में मुख्य रजिस्ट्रार ने आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक अगर कोई रजिस्ट्रार या उप रजिस्ट्रार अपने क्षेत्र में हुई जन्म-मृत्यु की घटना के बाद सूचना देने वाले को प्रमाण पत्र देने या रजिस्ट्रेशन करने में बिना कोई कारण के इनकार करता है तो उस पर 250 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब रजिस्ट्रार या उप रजिस्ट्रार पर जुर्माने का भी प्रावधान किया हो। इसके अलावा रजिस्ट्रार या उप रजिस्ट्रार की ओर से अगर कोई ऐसा आदेश या कार्रवाई की जाती है, जिससे कोई व्यक्ति पीडि़त होता है तो उस कार्रवाई के खिलाफ मुख्य रजिस्ट्रार या जिला रजिस्ट्रार के यहां अपील कर सकता है। अपील का यह प्रावधान भी इस बार जोड़ा गया है। व्यक्ति के अपील करने के 90 दिन के अंदर मुख्य रजिस्ट्रार या जिला रजिस्ट्रार को उसका निस्तारण करना जरूरी होगा।
स्टेट का डेटा केंद्र से शेयर करना जरूरी
मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) भंवर लाल बैरवा के अनुसार केंद्र सरकार से मिली गाइडलाइन में इस बार राज्यों को अपने यहां दर्ज होने वाले जन्म-मृत्यु के डेटा को भी केंद्र से रेगुलर शेयर करने के आदेश हैं। इसका सभी राज्यों को सख्ती से पालन करना जरूरी है। इसका मुख्य उद्देश्य जनगणना का सही डेटा कलेक्शन करना है, क्योंकि कई बार जनगणना में देरी होती है। ऐसे में जन्म-मृत्यु के सही आंकड़े से इसका कैलकुलेशन करना आसान हो जाता है।
हॉस्पिटल पर जुर्माना राशि बढ़ाई
इसी तरह अगर कोई हॉस्पिटल, नर्सिंग होम या अनाथालय या अन्य संस्था अपने यहां हुई जन्म-मृत्यु की घटना की जानकारी देने में देरी करता है तो उस पर भी जुर्माना राशि को बढ़ाकर एक हजार रुपए कर दिया। पहले यह राशि 50 रुपए या उससे भी कम लगती थी।


