देशभर में विशेष पहचान रखता है ओलम्पिक सावा द पुष्करणाज फाउण्डेशन का सम्मान समारोह आयोजित - Khulasa Online देशभर में विशेष पहचान रखता है ओलम्पिक सावा द पुष्करणाज फाउण्डेशन का सम्मान समारोह आयोजित - Khulasa Online

देशभर में विशेष पहचान रखता है ओलम्पिक सावा द पुष्करणाज फाउण्डेशन का सम्मान समारोह आयोजित

बीकानेर। पुष्करणा ब्राह्मण समाज का ओलम्पिक सावा देशभर में विशेष पहचान रखता है। सादगी, मितव्ययता और परम्पराओं का एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरण इसकी सबसे बड़ी खूबी है।
द पुष्करणाज फाउण्डेशन द्वारा वर्ष 1965 से लेकर 1977 के ओलम्पिक सावों में परिणय सूत्र मंे बंधने वालों के सम्मान समारोह के दौरान अतिथियों ने यह बात कही। ओझा सत्संग भवन में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक हरि शंकर आचार्य थे। उन्होंने कहा कि सदियों पुरानी इस परम्परा की आज के दौर में बेहद प्रासंगिकता है। दहेज जैसी कुप्रथाएं आज समाज के सामने बड़ी चुनौती हैं, वहीं ओलम्पिक सावा ऐसी बुराइयों से दूर है। उन्होंने कहा कि युवाओं को इस परम्परा को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए आगे आना चाहिए।
फाउण्डेशन के संयोजक और संस्कृतिकर्मी कृष्ण चंद्र पुरोहित ने बताया कि महेश कुमार जोशी का वर्ष 1965, गोपाल जोशी का वर्ष 1973 तथा बलदेव दास जोशी का विवाह वर्ष 1977 में आयोजित ओलम्पिक सावे के दौरान हुआ।  ऐसे में परम्पराओं का निर्वहन करने वाले परिवार के रूप में तीनों दम्पतियों का स्मृति चिह्न भेंट कर तथा शॉल एवं साफा पहनाकर इनका अभिनंदन किया गया।
गोधन मित्र के महेन्द्र जोशी ने कहा कि संस्था द्वारा ऐसे परिवारों के सम्मान का क्रम जारी रखा जाएगा। साथ ही 18 फरवरी को आयोजित ओलम्पिक सावे के दौरान विभिन्न व्यवस्थाओं में भागीदारी निभाने वाली संस्थाओं और व्यक्तियों का भी अभिनंदन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन परम्पराओं को आगे बढ़ाने की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
किशन पुरोहित राजस्थानी ने तीनों प्रशस्ति पत्रों का वाचन किया। उन्होंने सावे के ऐतिहासिक परिपेक्ष्य के बारे में बताया। संस्था के महेश पुरोहित ने आभार जताया। इस दौरान प. गोपाल व्यास, पं. भाईश्री, मूलचंद जोशी,  श्याम सुंदर जोशी, गिरिराज जोशी, शिवशंकर पुरोहित, आदित्य पुरोहित, मदन जोशी, जुगल जोशी, किसन पुरोहित, लालचंद मत्तड़ आदि मौजूद रहे।

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