
बड़ी खबर: रिलायंस ग्रुप के कई ठिकानों पर CBI की रेड, 3000 करोड़ रुपए के लोन-फ्रॉड का है मामला





बड़ी खबर: रिलायंस ग्रुप के कई ठिकानों पर CBI की रेड, 3000 करोड़ रुपए के लोन-फ्रॉड का है मामला
खुलासा न्यूज़। CBI ने आज यानी 23 अगस्त को अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये रेड मुंबई में की गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये रेड यस बैंक से लिए 3000 करोड़ रुपए के लोन धोखाधड़ी मामले में की गई है। इससे पहले 23 जुलाई को भी ED ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़े 35 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी। मामला 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा अनिल अंबानी से जुड़े रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को दिए गए करीब 3,000 करोड़ रुपए के लोन से जुड़ा है। शुरुआती जांच में पता चला था कि इन लोन्स को कथित तौर पर फर्जी कंपनियों और ग्रुप की अन्य इकाइयों में डायवर्ट किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि यस बैंक के बड़े अधिकारियों को शायद रिश्वत दी गई है।
CBI ने दो मामलों में FIR दर्ज की थी। ये मामले यस बैंक द्वारा रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड को दिए गए दो अलग-अलग लोन से जुड़े हैं। दोनों ही मामलों में CBI ने यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर का नाम लिया था। इसके बाद एक अधिकारी ने बताया कि नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी अन्य एजेंसियों और संस्थानों ने भी ED के साथ जानकारी साझा की। अब ED इस मामले की जांच कर रही है। ED ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ये एक “सोचा-समझा और सुनियोजित” प्लान था, जिसके तहत बैंकों, शेयरहोल्डर्स, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को गलत जानकारी देकर पैसे हड़पे गए। जांच में कई गड़बड़ियां पकड़ी गईं, जैसे:
कमजोर या बिना वेरिफिकेशन वाली कंपनियों को लोन।
कई कंपनियों में एक ही डायरेक्टर और एड्रेस का इस्तेमाल।
लोन से जुड़े जरूरी दस्तावेजों का न होना।
फर्जी कंपनियों में पैसे ट्रांसफर करना।
पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन देने की प्रक्रिया (लोन एवरग्रीनिंग)।
सवाल 4: अनिल अंबानी की कंपनियों पर और क्या आरोप हैं?
SBI का कहना है कि RCom ने बैंक से लिए गए 31,580 करोड़ रुपए के लोन का गलत इस्तेमाल किया। इसमें से करीब 13,667 करोड़ रुपए दूसरी कंपनियों के लोन चुकाने में खर्च किए। 12,692 करोड़ रुपए रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर किए। SBI ने ये भी कहा कि हम इस मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) के पास शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया में है। इसके अलावा अनिल अंबानी के खिलाफ पर्सनल इन्सॉल्वेंसी (दिवालियापन) की कार्रवाई भी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) मुंबई में चल रही है।

