सावधान!:मुंबई में फैले खसरा के 3 रोगी जोधपुर में भी मिले 6 माह से तीन साल तक के बच्चे एमडीएम में भर्ती - Khulasa Online सावधान!:मुंबई में फैले खसरा के 3 रोगी जोधपुर में भी मिले 6 माह से तीन साल तक के बच्चे एमडीएम में भर्ती - Khulasa Online

सावधान!:मुंबई में फैले खसरा के 3 रोगी जोधपुर में भी मिले 6 माह से तीन साल तक के बच्चे एमडीएम में भर्ती

जोधपुर.मुंबई के बाद देश के कई राज्यों में फैल रहे खसरा (मीजल्स) के दाे राेगी जाेधपुर में भी मिले हैं। 6 माह, डेढ़ साल और 3 साल के ये बच्चे मथुरादास माथुर अस्पताल के पीआईसीयू में भर्ती हैं। तीनों बच्चों को खसरे का टीका नहीं लगा हुआ है। 1 से 5 साल तक के बच्चों को होने वाली यह बीमारी मुंबई के अलावा बिहार, झारखंड, गुजरात, केरल व पश्चिम बंगाल में भी फैल रही है। मुंबई में 600 से अधिक बच्चे खसरे की चपेट में आ चुके हैं और 10 से अधिक की मौत हो चुकी हैं।
जोधपुर में पिछले साल दिसंबर के अंंतिम दिनों में उम्मेद अस्पताल में खसरा संक्रमित एक 7 माह के बच्चे की मौत भी हुई थी। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग सिंह का कहना है भर्ती दोनों बच्चों को क्लिनिकल मीजल्स है,
हालांकि हमने जांच के लिए सैंपल भेजा हुआ। इस बीमारी काे टीकाकरण से रोका जा सकता है। मीजल्स के बढ़ते केस का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान रूटीन वैक्सीनेशन कम होने के कारण मीजल्स के केस फिर बढ़ने लगे हैं, बचाव के लिए मीजल्स का टीका अवश्य लगवाएं।
रोग फिर बढ़ने का कारण- दुनिया में 40 मिलियन बच्चे पिछले साल टीके से चूके
डब्ल्यूएचओ ने एक स्टेटमेंट में कहा है, अब दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में खसरे के फैलने का खतरा है, क्योंकि करीब 40 मिलियन बच्चे पिछले साल खसरे के टीके की खुराक लेने से चूक गए थे। खसरा एक अत्यधिक संक्रामक व वायरस के कारण होने वाली गंभीर बीमारी है। वर्ष 1963 में जब खसरे के टीके की शुरुआत हुई थी,
तब यह महामारी लगभग हर 2-3 साल में होती थी और हर साल अनुमानित 2.6 मिलियन यानी 26 लाख मौतें होती थी। यह पैरामाइक्सोवायरस परिवार में एक वायरस के कारण होता है। यह आम तौर पर सीधे संपर्क और हवा के माध्यम से फैलता है। वायरस श्वसन पथ को संक्रमित करता है, फिर पूरे शरीर में फैल जाता है।
ये लक्षण दिखें तो जांच करवाएं
अगर किसी बच्चे को खसरा है तो इसका पहला लक्षण आमतौर पर तेज बुखार होता है, जो वायरस के संपर्क में आने के लगभग 10 से 12 दिनों के बाद शुरू होता है। यह बुखार आमतौर पर 4 से 7 दिनों तक रहता है। शुरुआत में नाक बहने लगती है, खांसी होने लगती है। आंखें लाल हो जाती हैं और पानी निकलने लगता है। गालों में छोटे सफेद धब्बे होने लगते हैं। कई दिनों के बाद आमतौर पर चेहरे और ऊपरी गर्दन पर दाने होने लगते हैं। ये दाने 3 दिनों में बाकी शरीर में फैलने लगते हैं। दाने वायरस के संपर्क में आने के 14 दिन बाद होते हैं। अधिकांश खसरे से संबंधित मौतें बीमारी से जुड़ी जटिलताओं के कारण होती हैं।
फैलने का कारण
खसरे का वायरस संक्रमित के नाक और गले के बलगम में पनपता है। यह रोग खांसने, सांस लेने और छींकने से दूसरे लोगों में फैलने में सक्षम होता है। जब संक्रमित लोग बात करते हैं, खांसते हैं या छींकते हैं, तो दूषित बूंदें हवा में निकल जाती हैं (जहां अन्य लोग उन्हें सांस में ले सकते हैं) या सतह पर बैठ जाते हैं, जहां वे लंबे समय तक संक्रामक और सक्रिय रहते हैं।
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