स्वास्थ्य विभाग ने पहली बार अवैध पोर्टेबल चाइनीज सोनोग्राफी मशीन व्यापार के अंतरराष्ट्रीय रैकेट का किया भंडाफोड़, बीकानेर की रही अहम भूमिका

स्वास्थ्य विभाग ने पहली बार अवैध पोर्टेबल चाइनीज सोनोग्राफी मशीन व्यापार के अंतरराष्ट्रीय रैकेट का किया भंडाफोड़, बीकानेर की रही अहम भूमिका

‘डॉन को पकडऩा मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है’

बीकानेर संयुक्त निदेशक डॉ देवेंद्र चौधरी और पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेंद्र सिंह चारण की लीड व अनुसंधान के आधार पर राज्य पीसीपीएनडीटी टीम ने की बड़ी कार्रवाई

एमडी डॉ. अमित यादव के निर्देशन में हुई कार्रवाई के तार जुड़े पश्चिम बंगाल तक, कई राज्यों में चीन निर्मित पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन बेचने का मामला

खुलासा न्यूज, जयपुर /बीकानेर। “डॉन को पकडऩा मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है” का दावा कर पूरे भारत में अवैध रूप से पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन बेचने वाले गिरोह का राजस्थान की पीसीपीएनडीटी टीम ने पर्दाफाश किया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव के निर्देशन में हुई इस कार्रवाई के तहत पश्चिम बंगाल से जयपुर में मशीन बेचने आए गिरोह के एक प्रमुख सदस्य को टीम ने पकड़ा है, वहीं कोलकाता में गिरोह के मुखिया और कंपनी पर कार्रवाई के लिए वहां के स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन को सूचना दी गई है। बीकानेर जोन के संयुक्त निदेशक डॉ. देवेंद्र चौधरी एवं पीसीपीएनडीटी प्रभारी महेंद्र सिंह चारण ने योजनागत तरीके से सोनोग्राफी मशीन के ऑनलाइन विक्रेताओं से संपर्क किया। प्राप्त लीड व अनुसंधान के आधार पर कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए उनसे अवैध रूप से व्यापार करने वालों की जानकारी जुटा ली। मिशन निदेशक डॉ यादव के निर्देश मिलते ही गिरोह से सीधे संपर्क कर मशीन का ऑर्डर दे डाला। जब कंपनी का एजेंट मशीन लेकर जयपुर पहुंचा तो उसे मशीन सहित पकड़वाने में भी बीकानेर की टीम अग्रणी भूमिका में रही। चीन निर्मित इस पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन को बेचने का यह धंधा लंबे अर्से से चलने की जानकारी सामने आने के साथ ही इस मामले में कई अन्य लोगों के लिप्त होने की आशंका है, जिस पर टीम गंभीरता से आगे बढ़ रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीकानेर डॉ पुखराज साध ने बीकानेर टीम की इस बड़ी उपलब्धि पर सभी को बधाई प्रेषित की है।

पीबीआई थाना के एएसपी डॉ. हेमंत जाखड़ ने बताया कि बीकानेर टीम की मुखबिरी के जरिए सूचना मिली थी कि एक गिरोह राज्य में पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन बेचने का धंधा कर रहा है। सूचना की पुष्टि होने के बाद टीम गठित कर करीब दो माह तक मामले में रैकी कर गहनता से पड़ताल की गई। गिरोह से संपर्क होने के बाद सामने आया कि पोर्टेबल मशीन सात से दस लाख रुपए के बीच देश के विभिन्न राज्यों में बेचा जा रहा है। इसके बाद टीम ने पश्चिम बंगाल के हुगली जिला निवासी 45 वर्षीय अमिताभ भादुरी पुत्र अशोक कुमार ब्राह्मण से संपर्क साधा और पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन का सौदा सवा छह लाख रुपए में तय किया। इस दलाल ने कुछ रुपए एडवांस ऑनलाइन मंगवाए एवं बाकी मशीन की डिलवरी के समय देना तय हुआ।इसके बाद दलाल मशीन लेकर जयपुर रेलवे स्टेशन पहुंचा और स्टेशन के ही प्रतीक्षालय में रुका। इसी दौरान उसने अपने आका को वॉइस मैसेज किया कि “वह सुरक्षा के मद्देनजर यहीं रुका हुआ है और कंपनी के पैसे भी बचा रहा है। बचे हुए पैसों का अपनी सेहत के लिए अच्छा भोजन करूंगा। मैं पूरी तरह सतर्कता बरत रहा हूं। वैसे भी डॉन को पकडऩा मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है। और वो डॉन हो आप, डॉ. आदित्य मुरारका।” स्टेशन से रुकने के बाद दलाल मशीन सहित शहर के कुछ प्रमुख स्थलों से घुमाते हुए सेंट्रल पार्क पहुंचा। जहां पहले से ही पीछे लगी हुई पीसीपीएनडीटी टीम ने धर दबोचा। पूछताछ करने पर गिरोह के इस प्रमुख सदस्य अमिताभ भादुरी ने बताया कि वह यह मशीन लाइफ प्लस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता के डॉ. आदित्य मुरारका से लेकर यहां बेचान करने आया हूं। गहन पूछताछ के बाद टीम ने अमिताभ को हिरासत में लिया। साथ ही तत्काल संबंधित थानों और प्रशासन को सूचना देते हुए कंपनी एवं अन्य लोगों को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया ताकि इस अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के सभी सदस्यों को पकड़ा जा सके और कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध को संपूर्ण देश में रोका जा सके।

टीम में ये रहे शामिल, बीकानेर की अहम भूमिका
एएसपी डॉ. हेमंत जाखड़ ने बताया कि जयपुर में हुई इस बड़ी एवं सफल कार्रवाई में बीकानेर टीम की अहम भूमिका रही। बीकानेर जोन के संयुक्त निदेशक डॉ देवेंद्र चौधरी और जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेंद्र सिंह चारण ने ऑनलाइन सोनोग्राफी मशीन विक्रेताओं से संपर्क कर कड़ी से कड़ी जोड़ी और भारत की अपनी तरह की पहली कार्रवाई को अंजाम दिया। वहीं पीबीआई थाना के सीआई संतोष कुमार शर्मा एवं पुलिस कार्मिक नरेंद्र कुमार, कैलाश, शानू चौधरी एवं राजंति टीम में शामिल रहे और गिरोह का पर्दाफाश किया।

कन्या भ्रूण हत्या रोकना ही हमारी प्राथमिकता _ एमडी डॉ. यादव
वरिष्ठ आईएएस एवं एनएचएम एमडी डॉ. अमित यादव ने कहा है कि वे लिंग चयन की बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास कर इस तरह की कार्रवाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या रोकना और इस मामले में लिप्त लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाना उनकी प्राथमिकता में रहेगा। यह कार्रवाई पीसीपीएनडीटी अधिनियम के सफल क्रियान्वयन और भ्रूण लिंग चयन को रोकने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। राजस्थान सरकार लंबे समय से लिंगानुपात में सुधार के लिए सख्त कदम उठा रही है और इस तरह के ऑपरेशन उसी दिशा में एक प्रभावी कदम है।

देश में सबसे सशक्त हमारे राजस्थान की टीम
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पीसीपीएनडीटी टीम ने विगत मई में गुजरात, पंजाब और राजस्थान में प्रभावी कार्रवाई करते हुए डिकॉय ऑपरेशन के जरिए भ्रूण लिंग जांच करने वाले अनेक लोगों को सलाखों के पीछे भिजवाया। वहीं यह कार्रवाई भी बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, क्योंकि पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन के जरिए इस धंधे में लिप्त लोग भ्रूण लिंग जांचने के साथ ही कन्या भ्रूण हत्या जैसा जघन्य अपराध करने में जुटे हुए थे, जिनको इस कार्रवाई से न केवल सबक मिलेगा, बल्कि यह धंधा भी रुकेगा। निश्चित ही हमारे राज्य की पीसीपीएनडीटी टीम देश की सबसे सशक्त टीम बनकर उभरी है, जिससे अन्य राज्य की टीम को भी प्रेरित होकर इस तरह के मामलों में कार्रवाई करनी चाहिए।

चीन निर्मित मशीन, अवैध तस्करी से लाते भारत
उल्लेखनीय है कि देश में अपंजीकृत पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन बैन है। जबकि यह गिरोह इस तरह की मशीन चीन से खरीद कर दूसरे देशों के यातायात संसाधनों के माध्यम से भारत में लाते हैं। इसके बाद भारत के विभिन्न हिस्सों में मशीन बेचे जाने की जानकारी सामने आई है, जिसकी जांच की जाएगी। केवल एक छोटे सूटकेस में रखे जा सकने वाली इस कलर डॉपलर मशीन के साथ अन्य आवश्यक सामान भी बेचा जा रहा है।

एमडी और एएमडी दोनों डॉक्टर, इसलिए समझी मामले की गंभीरता
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव खुद सर्जन है और इसी तरह एएमडी डॉ. टी शुभमंगला स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। यही वजह रही कि इस बड़े मामले को दोनों ने गंभीरता से लिया और कार्रवाई के दौरान पल पल की अपडेट लेते रहे एवं सभी स्तर पर समन्वय बनाया। वहीं आरोपी के पकड़े जाने पर दोनों ने पोर्टेबल मशीन को चलाकर देखा और बारीकी से जांच की। उन्होंने निर्देश दिए कि राजस्थान में कहां-कहां इस तरह मशीन बेची गई और मामले में कौन-कौन लिप्त हो सकते हैं, इसकी गंभीरता से जांच की जाए।

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