
नकल प्रकरण के अभियुक्त को संरक्षण देने के मामले में पूर्व शिक्षा निदेशक व सहायक निदेशक के खिलाफ मामला दर्ज





नकल प्रकरण के अभियुक्त को संरक्षण देने के मामले में पूर्व शिक्षा निदेशक व सहायक निदेशक के खिलाफ मामला दर्ज
बीकानेर। पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी तथा सहायक निदेशक मुनिराम लेघा के खिलाफ लोकायुक्त कार्यालय में मामला दर्ज हुआ है। उन पर नकल प्रकरण के अभियुक्त को संरक्षण देने का आरोप है। दोनों के खिलाफ उदयरामसर की सीमा यादव ने शिकायत की थी, जिस पर लोकायुक्त कार्यालय में गत 7 मार्च को प्राथमिक जांच के बाद मामला दर्ज हुआ।
सीमा यादव ने तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी तथा विभागीय जांच अनुभाग के अनुभाग अधिकारी मुनीराम लेघा के खिलाफ नकल प्रकरण के अभियुक्त सरवन कुमार मान (वरिष्ठ अध्यापक) के विरुद्ध न्यायालय में प्रकरण लंबित रहते हुए विधि विरुद्ध निलंबन से बहाल करने, समस्त विभागीय कार्यवाही को निस्तारित कर निलंबन काल के वेतन का भुगतान कराकर राजकोष को नुकसान पहुंचाने की शिकायत की है। लोकायुक्त ने मामला दर्ज कर दोनों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
यह है मामला
सरवन कुमार मान (वरिष्ठ अध्यापक) तथा दो अन्य कर्मचारियों को 2014 में पवनपुरी में एक मकान से पुलिस ने पकड़ा था। इन पर लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित द्वितीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों को नकल कराने का आरोप था। पुलिस ने मामला दर्ज कर तुलछाराम कालेर तथा तीन सरकारी कर्मचारियों सहित 9 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया। बाद में विभाग ने मान को निलंबित कर दिया। आरोप है कि वर्ष 2021 में तत्कालीन निदेशक सौरभ स्वामी तथा शिक्षा निदेशालय में कार्यरत विभागीय जांच अनुभाग के अधिकारी मुनीराम लेघा ने न केवल सरवन कुमार को विभागीय जांच से बरी कर दिया, बल्कि उसे सारे परिलाभों का भुगतान भी करा दिया। जबकि मान के खिलाफ अभी भी बीकानेर की एसीजेएम कोर्ट संख्या 3 में मामला विचाराधीन है।
यह बोली शिकायतकर्ता
शिकायतकर्ता ने बताया कि जो तीन सरकारी कर्मचारी पकड़े गए थे, उनमें एक सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में कार्यरत प्रयोगशाला सहायक सुरेश विश्नोई की सेवाएं समाप्त कर दी गईं, जबकि जिस पटवारी को इस प्रकरण में पकड़ा गया था, उसे आपराधिक मामला होने के कारण जांच विचाराधीन रहते बहाल तो कर दिया गया, लेकिन कोई अन्य परिलाभ नहीं दिए जा रहे। जबकि इस प्रकरण में न केवल नकल प्रकरण के आरोपी को बहाल कर दिया गया, बल्कि उसे दोषमुक्त करार देते हुए सारे परिलाभों का भुगतान भी करा दिया गया।

