
सावधान! ऑनलाइन जेब काटने वाले आपकी जेब पर भी फेर सकते हैं हाथ,विश्वास नहीं होता तो पढि़ए पूरी खबर






बीकानेर। लॉकडाउन में जहां पूरे देश में बाजार बंद है और व्यसायिक गतिविधियां ठप्प पड़ी है। वहीं ऑनलाइन ठगी का कारोबार फल-फूल रहा है। शातिर ठग अलग-अलग तरीके से जिले सहित प्रदेश-देश में टॉवर लगाने, लोन देने एवं पेटीएम केवाईसी अपडेट करवाने के नाम पर ठगी का धंधा जोरों पर है। यहीं नहीं अब इन शातिर बदमाशों ने लॉकडाउन को अपना आधार बनाकर ठगी शुरू कर दी है। आए दिन जिले के थानों में ऑनलाइन ठगी की वारदातें दर्ज हो रही हैं। ठगी की वारदातों को लेकर विशेष अपराध एवं साइबर टीम अलर्ट भी जारी करती है, लेकिन जागरु कता के अभाव एवं अनभिज्ञता के चलते अपनी जमा पूंजी गंवा बैठते हैं। साइबर विशेषज्ञों ने बताया कि जालसाज लोगों को फोन कर वॉलेट बंद करने की बात से डराकर बैंक सम्बन्धी जानकारी चुरा लेते हैं। ओटीपी या तो मोबाइल मैसेज या आइवीआर सिस्टम के माध्यम से यूजर से जानकारी निकलवा लेते हैं। लेकिन अब ठगों ने नया तरीका अपनाया है।
ये है नया तरीका
मोहता कुंआ प्रकाशचित्र के पीछे रहने वाले अशोक पडिहार के पास फोन शातिर बदमाश का आया कि उनका मित्र आपके घर के पास रहता है और आप मेरे अकाउंट में रूपये डलवा दो और उससे रूपये ले लेना। इसके लिये आप अपना एटीएम कार्ड का फोटो खींचकर मेरे वाटसएप पर डाल दो। जब ओटीपी आएं तो मुझे बता देना। इसी तरह गंगाशहर में रहने वाले एक व्यक्ति के परिवार में शादी तय हुई थी। जिसके लिये मिठाई का कारीगर बनकर खाते में रूपये डलवाने की बात कही और अपने खाता नंबर देकर 11000 रूपये डलवा भी लिये।
क्या है आइवीआर सिस्टम
आइवीआर यानी इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स एक ऐसी स्वचालित टेलीफोन प्रणाली है, जिसमें यूजर के की-पेड से नम्बर एंटर करवाकर उसको प्रोसेस किया जाता है। जब भी हम किसी भी टेलीकॉम ऑपरेटर के कॉलसेंटर पर कॉल करते हैं तो वो हमारी च्वॉइस आइवीआर सिस्टम में लेकर उसको प्रोसेस करते हैं।
कैसे लेता है नम्बर
फोन के की-पेड पर मौजूद हर नम्बर की एक विशेष टोन होती है, जिसे ड्यूल टोन मल्टी फ्रिक्वेंसी अर्थात डीटीएमएफ सिग्नल्स कहते हैं। आइवी आर सिस्टम इन्हीं सिग्नल्स को डिकोड कर नम्बर का पता लगाता है।
किसी प्रकार के लालच में न आएं
ऑनलाइन ठगी किसी भी प्रकार से हो, चाहे बैंक का अधिकारी बन कर, एटीएम ब्लॉक होने के सम्बन्ध में कॉल करने, एलआईसी एजेंट बनकर कॉल करने, आपकी पॉलिसी के सम्बन्ध में ज्यादा पैसे देने को लेकर कॉल करने अथवा ओएलएक्स पर सस्ते दामों पर सामान बेचने का झांसा दिया जाए, इन सभी ठगों द्वारा मुख्य रूप से इंसान के अंदर के डर अथवा लालच को इस्तेमाल कर शोषण किया जाता है। अत: किसी भी कॉल, मेल या संदेश पर अपनी बैंक की जानकारी अथवा अनजान लोगों द्वारा लालच देने पर किसी के भी बैंक खाते में पैसा आदि जमा न कराएं।


