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कार का माइलेज कम, FORD पर जुर्माना, भ्रामक विज्ञापन नहीं करने के लिए किया पाबंद

जोधपुर जिला उपभोक्ता विवाद आयोग द्वितीय ने प्रसिद्ध कार निर्माता कंपनी FORD (फोर्ड) पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इसका ऑर्डर रविवार को जारी किया गया। कंपनी पर ज्यादा माइलेज देने का गलत विज्ञापन और अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी मानते हुए यह आदेश दिए हैं। साथ ही, FORD कंपनी को भविष्य में अधिक माइलेज देने के सम्बन्ध में भ्रामक विज्ञापन या प्रचार नहीं करने के लिए भी पाबंद किया है।

कार में खराबी भी आने लगी

कुडी भगतासनी निवासी अक्षय पारख ने जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग द्वितीय में परिवाद प्रस्तुत किया था। बताया था कि उसने FORD की फिएस्टा क्लासिक कार 2012 में खरीदी थी। कंपनी ने 32.38 किमी प्रति लीटर माइलेज दिए जाने का विज्ञापन दिया था। उसी के आधार पर स्थानीय डीलर ओएस कार प्रा लि से कार खरीदी थी। कुछ ही समय बाद कार में खराबी आने लगी। माइलेज भी बहुत कम था। इस प्रकार पेपर में प्रकाशित विज्ञापन व कार खरीदते समय दिए गए ब्रोशर में माइलेज संबंधी झूठी जानकारी देने के लिए 2013 में केस किया गया।

FORD ने कहा- माइलेज एक टेस्ट पर आधारित

FORD ने अपने जवाब में कहा कि माइलेज एक टेस्ट पर आधारित है। ‘आटो कार’ द्वारा उन्हें इस बारे में प्रमाणपत्र भी जारी किया हुआ है। कार का माइलेज वाहन की निर्धारित गति, रख-रखाव, टायरों में हवा का दबाव, चलाने के तरीके पर निर्भर करता है। कंपनी के निर्धारित मानकों की अनदेखी पर इसमें कमी आ सकती है।

कोर्ट ने कंपनी के मानकों पर माइलेज टेस्ट कराया

मामले की सुनवाई के दौरान कार का संयुक्त माइलेज टेस्ट लिया गया। आयोग ने FORD कंपनी व विक्रेता को उनके मानकों के अनुरूप कार को चलाकर अधिकतम माइलेज दिखाने का अवसर भी दिया। इसके बावजूद कार का माइलेज 19.3 किमी प्रति लीटर से अधिक होना साबित नहीं कर सके।

इसी सेगमेंट की दूसरी कंपनियां बता रहीं कम माइलेज

सुनवाई के दौरान यह भी पाया गया कि इसी सेगमेंट की दूसरी कार निर्माता कंपनियां निसान व होंडा अपनी कारों का अधिकतम माइलेज 20.45 व 25.8 किमी ही बता रही हैं। FORD ने अपनी कार की बिक्री बढ़ाने के लिए बढ़ा-चढ़ाकर माइलेज बताकर मिथ्या व भ्रामक प्रचार किया जा रहा है।

अनुचित व्यापार के दोषी

आयोग के अध्यक्ष डॉ श्याम सुन्दर लाटा, सदस्य डॉ अनुराधा व्यास, आनंद सिंह सोलंकी की न्यायपीठ ने अपने निर्णय में कार निर्माता मै FORD इंडिया लि, गुड़गांव व विक्रेता ओ एस कार, जोधपुर को सेवा में कमी व अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी ठहराते हुए परिवादी को हुई आर्थिक, शारीरिक व मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए एक लाख रुपए अदा करने का आदेश दिया है।

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