पंजाब में आई आंधी व बारिश से नहर का काम प्रभावित, आईजीएनपी चीफ मेहरडा बोले-आज रात तक पानी छोड़ने की संभावना - Khulasa Online पंजाब में आई आंधी व बारिश से नहर का काम प्रभावित, आईजीएनपी चीफ मेहरडा बोले-आज रात तक पानी छोड़ने की संभावना - Khulasa Online

पंजाब में आई आंधी व बारिश से नहर का काम प्रभावित, आईजीएनपी चीफ मेहरडा बोले-आज रात तक पानी छोड़ने की संभावना

निखिल स्वामी की रिपोर्ट
बीकानेर. पंजाब में आई आंधी व बारिश से बीकानेर के इंदिरा गांधी नहर परियोजना व जलदाय विभाग के अधिकारी काफी परेशान है और उनकी सांसे फूल रही है। पिछले कई दिनों से पंजाब के मुक्तसर के पास सरहिंद फीडर पर कॉमन बैंक को दिन-रात को ठीक करने का काम चला रहा था, लेकिन रविवार को पंजाब में आई आंधी व बारिश से काम रूक गया और मजदूरों को काम बंद करना पड़ा। इससे बीकानेर के लिए दोपहर में रवाना होने वाला पानी आज रात तक छोड़ने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में पानी देरी से छोड़ने पर बीकानेर में भी पानी अब देरी से पहुंचने और शहरवासियों को मिलने की संभावना है। ऐसे में शहरवासी बूंद-बूंद पानी को तरस रहे है। वहीं बीकानेर में अभी करीब चार से पांच दिनों का पानी बचा हुआ है और नहर का पानी आने में चार से पांच दिन लगने की उम्मीद है। आईजीएनपी चीफ अमरजीत मेहरड़ा व जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अजय शर्मा ने खुलासा से बातचीत के दौरान बताया कि रविवार रात को पंजाब में आंधी व बारिश आई थी और अभी भी बादल छाए हुए है। आंधी व बारिश से रात को काम रोक दिया गया। काम रूकने से वहां पानी भर गया। सोमवार सुबह 9 बजे नहर की मरम्मत व कॉमन बैंक को सही करने व पानी निकालने का काम शुरू हुआ। काम अभी भी जारी है। उम्मीद जताई जा रही है कि करीब दो घंटे तक काम पूरा हो जाएगा। शर्मा ने बताया कि अगर सबकुछ सही रहा तो आज रात से पहले पानी छोड़ दिया जाएगा। हरिके बैराज से सरहिंद फीडर तक करीब 80 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से पानी छोड़ा जाएगा। वहीं अधिकारी अभी भी परेशान है कि जब तक बिरधवाल तक पानी नहीं आता है उनको परेशानी रहेगी। पानी बिरधवाल हैड तक पहुंचने के बाद कोई परेशानी नहीं होगी। करीब चार दिनों के बाद पानी बीकानेर पहुंच जाएगा और सप्लाई शुरू कर दी जाएगी।

पिछले दिनों कॉमन बैंक टूटा
पंजाब के मुक्तसर के पास सरहिंद फीडर की आरडी 238.500 पर कटाव आ गया था, सरहिंद फीडर व इंदिरा गांधी नहर परियोजना का कॉमन बैंक लगभग 150 फीट धंस गया। हरिके बैराज से सरहिंद फीडर में पानी की आपूर्ति भी बंद कर दी गई। कॉमन बैंक धंसने से पांच हजार क्यूसेक पानी चल रहा था। सरहिंद फीडर से पानी इंदिरा गांधी नहर परियोजना में आ रहा है। इस कारण पंजाब क्षेत्र में चल रहा रिलाइनिंग का काम भी प्रभावित हुआ।

पानी की मात्रा पर निर्भर करेगा वेग
इंदिरा गांधी नहर में छोड़े जाने वाले कुल पानी के आधार पर इसमें बहने वाले पानी का वेग तय होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि लाइनिंग का कार्य चल रहा है। लाइनिंग होने के बाद 15 से 17 घंटे लाइनिंग को सूखने में चाहिये। उसके बाद ही पानी छोड़ा जा सकेगा। वहीं मरम्मत के बाद एहतियात के तौर पर कम पानी छोड़कर एक बार इसकी मजबूती को परखा जाना आवश्यक है। ताकि तेज बहाव के साथ किसी नए स्थान पर नहर का कटाव नहीं हो।

नहर नहीं बल्कि नदी है
राजस्थान के लिए जीवन रेखा बन चुकी यह नहर वास्तव में अपने आकार व लम्बाई के कारण एक नदी के समान है। नहर पंजाब के फि रोजपुर के निकट सतलज व ब्यास नदी के संगम पर बने हरिके बैराज से शुरू होती है। देश की सबसे लम्बी यह नहर 649 किलोमीटर लम्बी है। इसमें से पंजाब से राजस्थान तक 204 किलोमीटर फीडर नहर है। वहीं 445 किलोमीटर मुख्य नगर है। राजस्थान की सीमा पर इस नहर की गहराई 21 फीट व तल की चौड़ाई 134 फीट व सतह 218 फीट चौड़ी है। हनुमानगढ़ के मसीतावाली से लेकर जैसलमेर के मोहनगढ़ तक फैली मुख्य नहर से नौ शाखाएं निकलती है।

सिंचाई के लिए इसकी वितरिकाएं 9,245 किलोमीटर लम्बी हैं। राजस्थान के दस रेगिस्तानी जिलों के लोगों के हलक इस नहर के पानी से तर होते हैं। इसके अलावा कई बिजली परियोजनाओं के लिए भी पानी यहीं नहर उपलब्ध कराती है। नहरी क्षेत्र में 37 लाख टन कृषि उत्पादन होने के आसार है। साथ ही कभी पानी को तरसने वाला रेगिस्तान पूरी तरह से बदल चुका है। हरियाली से आच्छादित रेगिस्तानी क्षेत्र में अब पूरा परिदृश्य बदल चुका है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निधन के पश्चात 2 नवम्बर 1984 को राज्य सरकार ने इसका नाम राजस्थान नहर से बदल कर इंदिरा गांधी नहर कर दिया।

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