बीस अप्रैल के बाद कभी भी हो सकती हे नहरबंदी फिलहाल लबालब है जलाशय

बीस अप्रैल के बाद कभी भी हो सकती हे नहरबंदी फिलहाल लबालब है जलाशय

बीस अप्रैल के बाद कभी भी हो सकती हे नहरबंदी फिलहाल लबालब है जलाशय
बीकानेर। पश्चिमी राजस्थान के दर्जनभर जिलों की प्यास बुझाने वाली इंदिरा गांधी नहर में 20 अप्रैल के बाद कभी भी पूर्ण नहरबंदी हो सकती है। फरवरी महीने से नहर में सिर्फ पीने का पानी मिल रहा है, लेकिन अब ये पानी आना भी बंद हो जाएगा। इससे बीकानेर संभाग के चारों जिलों के साथ ही जैसलमेर, बाड़मेर, नागौर, जोधपुर को भी इंदिरा गांधी नहर से पानी नहीं मिलेगा। पूर्ण नहरबंदी से पहले जलदाय विभाग 1 महीने तक जल आपूर्ति करने के लिए अपने जलाशय लबालब कर चुका है।
20 अप्रैल के बाद हो सकती है नहरबंदी
इंदिरा गांधी नहर के अतिरिक्त मुख्य अभियंता (प्रशासन) विवेक गोयल ने बताया- 6 फरवरी से नहर में सिर्फ पीने का पानी दिया जा रहा है। आंशिक नहर बंदी के चलते सभी जिलों में पीने का पानी दिया जा रहा है। सिंचाई के लिए फिलहाल पानी नहीं दिया जा रहा है। किसान सिंचाई के लिए पानी का संग्रहण भी नहीं कर सकते। पूर्ण नहर बंदी 20 अप्रैल के बाद कभी भी हो सकती है। ऐसे में 30 दिन तक नहर में पानी नहीं आएगा। वर्तमान में सभी जिलों को पानी का संग्रहण करने के निर्देश हैं। सभी जिलों में जलदाय विभाग ने आवश्यक पानी का संग्रहण कर लिया है।
इन जिलों को नहीं मिलेगा पानी
बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर, फलौदी, सीकर, झुंझुनूं में नहर बंदी का असर दिखाई देगा। इन जिलों को पीने का पानी इंदिरा गांधी नहर से मिलता है। श्रीगंगानगर को अधिकांश पानी भाखड़ा नहर से मिलता है। ऐसे में श्रीगंगानगर में संकट कम होगा। शेष जिलों में एक महीने में जल संकट आएगा।
गर्मी में नहरबंदी क्यों?
दरअसल, गर्मी के दिनों में ही किसानों को सिंचाई के लिए पानी की जरूरत नहीं होती। इस समय अधिकांश फसलों में पानी की जरूरत नहीं है। ऐसे में नहर बंदी अप्रैल-मई के बीच ही होती है। इस बार भी इसी अवधि में होगी।
पोंगडेम से आने वाला पानी पंजाब होते हुए राजस्थान आता है। दोनों ही राज्य अप्रैल और मई में नहर की मरम्मत का काम करते हैं। पूरे साल में जहां भी टूट-फूट होती है, वहां इसी अवधि में मरम्मत होती है। इसके अलावा पानी में जमा सिल्ट को भी इसी दौरान बाहर निकाला जाता है।
जलाशय में पानी ज्यादा, वितरण कम
आमतौर पर सभी जिलों में नहर बंदी के दौरान प्रशासन प्रति व्यक्ति पानी में कटौती करता है। अगर एक महीने का पानी संग्रहित है तो उसे डेढ़ महीने तक वितरित करने के हिसाब से पानी की कटौती होती है। ये कटौती ही जल संकट और आम लोगों में आक्रोश का कारण बनती है। दरअसल, जलदाय विभाग ये सोचकर कम पानी देता है कि नहर बंदी की अवधि बढ़ गई तो जनता की प्यास बुझाने के लिए पानी की आवश्यकता होगी।
बीकानेर में बना कंट्रोल रूम
बीकानेर जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता खेमचंद सिंगारिया ने उपभोक्ताओं से पानी की बचत और जल संरक्षण में योगदान की अपील की है। पेयजल से संबंधित समस्या के निदान के लिए कंट्रोल रूम 24 घण्टे लगातार कार्य करेगा। जिसका दूरभाष नम्बर 0151-2226454 है।
अवैध जल कनेक्शन काटे जाएंगे
विभाग की ओर से अवैध जल संबंध हटाने का अभियान 22 मार्च से आरम्भ है। अभियान के अंतर्गत अब तक 439 अवैध जल संबंध विच्छेद किए हैं। अभियान के अंतर्गत सभी सहायक अभियंता अपने क्षेत्र में नियमित रूप से अवैध जल संबंधों को चिह्नित कर रहे हैं। विभागीय निर्देशों की अनुपालना में अवैध जल संबंध पाये जाने पर एफआईआर कर दी जाएगी, जिसमें विभागीय संपत्ति को नुकसान करना तथा जल चोरी की मात्रा के आकलन अनुसार शास्ती आरोपित की जाएगी।

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