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कैमल पैट्रोलिंग से कड़ाके की ठंड में देश की सुरक्षा कर रहे जवान, फ ट्टा परेड व खूर्रा चेकिंग भी जारी

बाड़मेर. राजस्थान के बाड़मेर जिले से लगती देश की पश्चिमी सरहद पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। देश भर में पड़ रही कड़ाके की ठंड और कोहरे के बीच किसी प्रकार कोई घुसपैठ नहीं हो इसके लिए ये कदम उठाया गया है। सीमा सुरक्षा बल रात में फट्टा गश्त यानी फट्टा परेड करके और कैमल पेट्रोलिंग के जरिए सीमा पर चौकसी बरत रहा है। इसके बाद सुबह की पहली किरण के साथ सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी खुर्रा चेकिंग करते हैं।

इन दिनों सीमावर्ती इलाकों में सर्दी का अत्यधिक असर देखने को मिल रहा है. सर्दी के मौसम में देर रात से सुबह तक धुंध भी छा जाती है. इस धुंध का फायदा उठाकर कोई घुसपैठ ना हो इसके लिए बीएसएफ की ओर से कड़ी निगरानी की जा रही है, साथ ही इस बार अत्याधुनिक हथियारों के साथ कैमल पेट्रोलिंग की जा रही है।

ऊंट की मदद से की जा रही है पेट्रोलिंग
सीमा सुरक्षा बल की हर गतिविधि में रेगिस्तान का जहाज ऊंट सबसे बड़े साथी के किरदार में रहता है। रेगिस्तान का जहाज जहां सरहद पर पेट्रोलिंग में इन जांबाजों का साथी बना हुआ है. वहीं ऊंट की मदद से सरहद पर सुबह और शाम दोनों समय फट्टा परेड के बाद खुर्रा चेकिंग भी की जाती है. इसी खुर्रा चेकिंग से यह पता लगाया जाता है कि किसी भी तरह की कोई घुसपैठ या सरहद के आर-पार कोई आवाजाही तो नहीं हुई है।

फुट पेट्रोलिंग भी कर रह हैं जवान
भारत-पाक सीमा पर तस्करी, घुसपैठियों, असामाजिक तत्वों के अवैध प्रवेश और अवांछनीय गतिविधियों की आशंका के चलते बीएसएफ पूरी तरह से मुस्तेद है. यहां जवान पेट्रोलिंग, गश्त के साथ साथ फुट पेट्रोलिंग भी कर रह हैं। यहां तैनात जवान कड़ाके की ठंड में भी पूरी तरह से मुस्तेद नजर आते हैं. दिन में दो बार ऊंट की मदद से सरहद के किनारे-किनारे फट्टा घुमाया जाता है। सरहद पर तैनात जवान बताते हैं कि खुर्रा चेकिंग और पाटा पद्धति से सीमा सुरक्षा बल के जवानों को किसी भी तरह की घुसपैठ के बारे में बारीकि से जानकारी मिलती है. इस पूरी कार्रवाई में रेगिस्तान का जहाज सबसे बड़ा आधार बनता है।

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