कोरोना के बीच मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों पर फिर संकट

कोरोना के बीच मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों पर फिर संकट

खुलासा न्यूज ,जयपुर। विधानसभा उप चुनाव के बाद कोरोना की दूसरी लहर से प्रदेश में मंत्रिमण्डल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का मामला फिर टलता नजर आ रहा है।पायलट और उनका खेमा देरी को लेकर लगातार मुखर अभी कांग्रेस संगठन का पूरा फोकस प्रदेश से लेकर केन्द्र तक कोरोना की स्थिति पर है। इन हालात में कोरोना संक्रमण के थमने तक मंत्रिमण्डल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर कोई कदम आगे बढ़ाए जाने की उम्मीद नहीं है। जबकि विधानसभा उप चुनाव के दौरान ही पायलट और उनके खेमे के तेवर देखकर लग रहा था कि सब कुछ ठीक रहा तो उप चुनाव खत्म होते ही प्रदेश में मंत्रिमण्डल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर मांग तेज हो सकती है। डेढ़ साल ही मिलेगा काम का मौका, फिर चुनाव तैयारी राज्य की कांग्रेस सरकार को सवा दो साल से अधिक समय हो गया है। अब कोरोना के थमने तक सरकार ढाई साल का कार्यकाल पूरा कर लेगी। ऐसे में मंत्रिमण्डल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का पार्टी कार्यकर्ताओं को एक-दो महीने और इंतजार करना पड़ सकता है। बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमा फिलहाल मंत्रिमण्डल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां जल्दी करने के मूड़ में नजर नहीं आ रहा। जबकि सचिन पायलट खेमा इसमें देरी के पक्ष में नहीं है।वहीं बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों के साथ ही निर्दलीयों का भी धैर्य अब जवाब देने लगा है। सभी को लग रहा है कि ढाई साल होने को हैं। डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनावी तैयारी शुरू हो जाएंगी। ऐसे में अभी सत्ता में भागीदारी मिलती है, तो अच्छे से खुलकर काम करने के लिए डेढ़ साल ही मिलेगा। पायलट खेमे के अलावा भी कुछ विधायकों देरी को लेकर इशारों ही इशारों में पीड़ा जाहिर कर चुके हैं।
उप चुनाव के बेहतर नतीजे से कई का होगा भाग्य उदय राज्य की तीनों विधानसभा सीट सहाड़ा, सुजानगढ़ और राजसमंद पर हुए उपचुनाव के परिणाम 2 मई को आएंगे। ऐसे में पार्टी में चर्चा है कि जिन नेताओं के प्रयास बेहतर परिणाम लाएंगे, उन्हें मंत्रिमण्डल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों से नवाजा जा सकता है। ऐसे में कांग्रेस नेता तीनों सीटों के उपचुनाव को लेकर काफी उत्साहित हैं। हालांकि पार्टी तो तीनों ही सीटों पर जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त दिख रही है। तीनों सीटों का चुनाव प्रभारी मंत्रियों को बनाया गया था। ऐसे में जीत के बाद इन मंत्रियों का विस्तार में पाया हिलने का खतरा कम हो जाएगा। वैसे इनमें जनता से जुड़े एक विभाग के चर्चित मंत्री का विभाग जरूर बदल सकता है। इस चुनाव में वरिष्ठ मंत्रियों के साथ ही पार्टी अध्यक्ष की भी साख दांव पर लगी हुई है।

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