
बहन-बेटियों से छेड़छाड़ करने वालों पर चलेगा बुलडोजर- दिलावर





खुलासा न्यूज नेटवर्क। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- कांग्रेसी तो सरस्वती मां के विरोधी थे। कांग्रेसी हमसे सवाल पूछते हैं कि आप किसके आदेश पर स्कूलों में सरस्वती मां की तस्वीरें लगा रहे हो। उनके बारे में बात करने का कोई मतलब भी नहीं है। हम यह कह सकते हैं सभी स्कूलों में जिन्हें हम शिक्षा का मंदिर कहते हैं, उसमें सरस्वती माता की मूर्ति या चित्र होना ही चाहिए। दिलावर शनिवार को भरतपुर कलेक्ट्रेट में मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। दिलावर से स्कूलों में धर्म को बढ़ावा देने की बात पर सवाल किया तो उन्होंने कहा- पूजा पद्धति कोई धर्म नहीं है। अगर ऐसा कोई मानता है तो उसके मस्तिष्क में कोई विकार है। उन्होंने कहा मैं भी हिन्दू हूं, लेकिन पूजा-पद्धति को नहीं मानता। उन्होंने अपराधियों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने की बात भी कही।
पूजा पद्धति मानने वाले के मस्तिष्क में विकार
दिलावर से पूछा गया कि भारतीय संविधान में लिखा है कि किसी भी सरकारी स्कूल या संस्थान में धर्म को बढ़ावा नहीं दिया जाए। वे बोले- आप धर्म की परिभाषा बताइए। किसान का धर्म होता है, अधिक से अधिक उत्पादन करें। विद्यार्थी का धर्म होता अच्छा पढ़े। शिक्षक का धर्म होता अच्छा पढ़ाए। जिला कलेक्टर का धर्म है की, इनका जिला ठीक तरह से चले। यह कोई पूजा-पद्धतियां धर्म थोड़ी न है। यह किसने कह दिया कि पूजा पद्धतियां धर्म है। मैं हिन्दू धर्म में पैदा हुआ हूं, हमारे यहां चोटी रखने वाला भी हिंदू है, बिना चोटी रखने वाला भी हिंदू है। मूर्ति पूजा करने वाला भी हिंदू है, बिना मूर्ति पूजा करने वाला भी हिंदू है। किसने कहा कि पद्धतियों के आधार पर धर्म चलता है। मैं इस बात को नहीं मानता हूं।
बहन-बेटियों से छेड़छाड़ करे तो बुलडोजर चला दो
इस दौरान दिलावर ने कहा- पुलिस से मिलकर असामाजिक तत्वों के बारे में पता लगाएं। पुलिस के पास सबके रिकॉर्ड है। ऐसे लोगों ने अवैध मकान भी बनाए होंगे। नियमों का उल्लंघन किया होगा। अतिक्रमण किया होगा। ऐसी संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया जाए। ऐसे लोगों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकते। बहन-बेटियों से छेड़छाड़ करे तो बुलडोजर चला दो। बहन-बेटियों का सम्मान ही राजस्थान के लिए सर्वोपरि है। इसके बाद जब राज्य मंत्री ने अधिकारियों से उनकी राय मांगी- अगर मेरी किसी बात पर अधिकारी को आपत्ति हो तो बताएं। ऐसे में अधिकारियों ने उनकी बात को लेकर हामी भरी।

