
बी टी यू ने संघटक कॉलेज से झाड़ा पल्ला, कर्मचारियों के सामने खड़ा हुआ वेतन संकट






राजपत्र की मनमानी व्याख्या की तैयारी
खुलासा न्यूज,बीकानेर।जहाँ राज्य सरकार द्वारा बज़ट घोषणा में वित्तीय संकट से जूझ रहे राज्य के सभी स्वायत्तशासी इंजीनियरिंग कॉलेजों को वेतन संकट से उबारने के लिए विश्वविद्यालयों के संघटक महाविद्यालय बनाया जाना प्रतावित किया गया है वहीँ बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय अपनी वित्त समिति में मनमर्ज़ी का प्रस्ताव पारित कर इसके संघटक महाविद्यालय यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एन्ड टेक्नोलॉजी की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की तैयारी कर रहा है| बी टी यू के इस संघटक महाविद्यालय के कार्मिकों को 2 माह से वेतन का इंतज़ार है | विश्वविद्यालय, सभी अधिकारियो एवं कर्मचारियों के वेतन भुगतान के मद मे किसी भी तरह की सहायता से इनकार कर रहा है जिससे की सभी कर्मचारी आर्थिक एवं मानसिक तनाव से ग्रस्त हो रहे है |
कल प्रस्तावित वित्त समिति की बैठक में विश्वविद्यालय एक प्रस्ताव पारित करने की तैयारी में है जिसके पारित हो जाने के बाद विश्वविद्यालय नियमित खर्चों, जिसमें वेतन भत्ते इत्यादि शामिल है , से पल्ला झाड़ कर सिर्फ भवन निर्माण मद आदि के व्यय वहन करेगा जब की गौर करने वाली बात है की महाविद्यालय पहले से ही सम्पदा सम्पूर्ण है यहाँ तक की विश्वविद्यालय इसी महाविद्यालय के भवन में संचालित है जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन उसी गज़ट नोटिफिकेशन की व्याख्या अनुसार अपना बताता है परन्तु महाविधालय को नहीं |2017 में विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही गज़ट नोटिफिकेशन द्वारा तत्कालीन कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को विश्वविधालय का संघटक महाविधालय बनाया गया| इस अध्यादेश के अनुसार महाविधालय की सभी सम्पतियाँ एवं देनदारियां तो विश्वविद्यालय को हस्तांतरित हुयी ही, स्क्रीनिंग समिति की रिपोर्ट के अनुसरण में महाविद्यालय के समस्त कार्मिकों का भी बी टी यू में आमेलन कर दिया गया |
कुछ समय तक तो विश्वविद्यालय द्वारा कार्मिकों के वेतन सम्बन्धी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया गया परन्तु अब विश्वविद्यालय मनमर्ज़ी का प्रस्ताव पारित कर कार्मिकों को अलग थलग करना चाह रहा है इसी महाविद्यालय ने प्रथम दिन से विश्वविद्यालय के एक एक विभाग को स्थापित किया है तथा यही के कार्मिक स्थापना से ही दिन रात अलग अलग जिम्मेदारियों का निर्वहन कर विश्वविधालय के विकास में लगे हुए हैं | विश्वविद्यालय के आरंभ होने से ही विश्वविद्यालय के सभी अकादमिक विभाग के कार्य, परीक्षा कार्य, रिसर्च विभाग के कार्य, शैक्षणिक कार्य एवं अन्य समस्त गतिविधियां, इन्ही संकाय सदस्यों दवारा ही सम्पादित की जा रही है |
यहां यह बात गौर करने वाली है की महाविधालय के सभी खातों एवं निधियों का विश्वविधालय में विलय कर इसी विश्वविधालय के वित्त नियंत्रक को आहरण – वितरण अधिकारी घोषित करने वाला विश्वविधालय कुछ समय पूर्व उसी वित्त नियंत्रक के माध्यम से राज्य सरकार को पत्र लिख कर पूछता है की इन कार्मिकों का वेतन क्या विश्वविद्यालय वहन करे| तकनीकी शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग से सहमति ले कर विश्वविद्यालय को अपनी बचत से कार्मिकों को वेतन जारी करने के आदेश भी जारी कर दिए | कुछ माह तक उन आदेशों की पालना कर अब विश्वविद्यालय अपनी वित् समिति के प्रस्ताव की आड़ में फिर कर्मचारी हितों पर कुठाराघात करने की तैयारी में है |वर्तमान में जब सब तरफ कोरोना महामारी के संकट बुरी तरह फैला हुआ है तथा राज्य सरकारें नित आदेश जारी कर दैनिक वेतनभोगी कार्मिकों के वेतन का भुगतान सुनिश्चित कर रही है वहां बी टी यू के कार्मिकों को 2 माह से वेतन का इंतज़ार है |समस्त कार्मिकों ने इस तानशाही रवैये के विरुद्ध एकमत हो कर विश्वविद्यालय की सभी प्रशासनिक जिम्मेदारियों से सामूहिक इस्तीफे तथा कार्य बहिष्कार की तैयारी कर ली है इसी क्रम में सोमवार सुबह वित्त समिति की बैठक से पूर्व कुलपति तथा कुलसचिव के सामने रोष प्रदर्शन किया जायेगा| इसी सम्बन्ध में कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री , तकनीकी शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, ऊर्जा मंत्री, तथा तकनीकी शिक्षा सचिव को ईमेल भेज कर समाधान की गुहार लगायी है |


