शिक्षकों के तबादले में रिश्वत का खेल: तबादले के लिए पैसे खिलाने पड़ते हैं,हां, देने पड़ते हैं - Khulasa Online शिक्षकों के तबादले में रिश्वत का खेल: तबादले के लिए पैसे खिलाने पड़ते हैं,हां, देने पड़ते हैं - Khulasa Online

शिक्षकों के तबादले में रिश्वत का खेल: तबादले के लिए पैसे खिलाने पड़ते हैं,हां, देने पड़ते हैं

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद ही शिक्षकों के तबादले में पैसों के लेनदेन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा- हम सुनते हैं कि तबादले के लिए कई बार पैसे खिलाने पड़ते हैं। पता नहीं, आप बताइए सही है या नहीं, मुझे नहीं मालूम। राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में बैठे शिक्षकों की तरफ से आवाज आई- हां, देने पड़ते हैं। गहलोत ने कहा, क्या यह बात सही है? पैसे देने पड़ते हैं क्या? फिर आवाज आई- हां, देने पड़ते हैं। गहलोत बोले- कमाल है। यह बहुत ही दुखदायी बात हैं कि टीचर्स पैसे देकर ट्रांसफर करवाने को लालायित रहे। कोई पॉलिसी बन जाए सबको मालूम रहे कि उसका तबादला कब होना है? तब फिर न पैसे चलेंगे न विधायक के पास जाना पड़ेगा। गहलोत ने कहा- ट्रांसफर पॉलिसी ऐसी बन जाए, जिससे किसी की हार्ट बर्निंग न हो। अभी क्या हो रहा है कि जिसकी रूरु्र-रूक्क के साथ चल गई उसका हो जाता है। रूरु्र आकर मंत्रीजी के कपड़े फाड़ते हैं कि मेरे तो 50 ही तबादले किए, मेरे तो 100 किए, 150 ही किए। अरे, भाई कोई अंत तो हो।
डोटासरा बोले- मेरे स्टाफ ने चाय भी पी हो तो बता देना
गहलोत के भाषण खत्म करने के बाद शिक्षा मंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने माइक संभाला। डोटासरा ने कहा— सीएम साहब ने एक बात छेड़ी। मेरे शिक्षा मंत्री रहते मेरे यहां स्टाफ में एक चाय पीने का भी बता देना तो मुझे कह देना। मुख्यमंत्रीजी का इशारा था कि कहीं न कहीं जेब कट जाती है। वह मेरे और मुख्यमंत्रीजी के नेतृत्व में ट्रांसफर नीति लागू कर खत्म किया जाएगा।
सरकार पर सवाल खड़े कर दिए
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टीचर्स तबादलों में पैसे चलने की बात कहकर खुद की सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। गहलोत के बयान से शिक्षा मंत्री डोटासरा के सामने असहज स्थिति पैदा कर दी। डोटासरा ने तत्काल सफाई भी दी। गहलोत के बयान को विपक्ष अब मुद्दा बना सकता है। गहलोत सरकार को तीन साल पूरे होने को है। अब तक सरकार ट्रांसफर पॉलिसी नहीं बना सकी। गहलोत ने पैसे लेकर ट्रासंफर होने की बात कहकर खुद की सरकार पर सवाल खड़े कर दिए। बीजेपी राज में कांग्रेस तबादला उद्योग चलाने के आरोप लगाती थी। उस वक्त विधानसभा में गोविंद सिंह डोटासरा आरोप लगाने में आगे रहते थे। अब बीजेपी को पलटवार करने का मौका मिल गया है।

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